जकार्ता (इंडोनेशिया) : वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण मुस्लिम समुदाय के लोग गुरुवार को लगातार दूसरे वर्ष ईद-उल-फित्र हर्षोल्लास से नहीं मना सके. महामारी के कारण मस्जिदें बंद रहीं और इस त्योहार को मनाने के लिए परिवार के लोग एकजुट नहीं हो पाए.
गाज़ा पट्टी में इज़राइली जंगी जहाज़ों की बमबारी के बीच क्षेत्र पर शासन करने वाले हमास ने लोगों से अपने घरों में या नजदीकी मस्जिदों में ईद की नमाज़ अदा करने और खुले में आने से बचने की गुजारिश की है.
हसन अबू शाबान ने कहा, 'यह हवाई हमलों की तबाही की वजह से है.' उन्होंने राहगीरों को चॉकलेटें बांटी हैं.
इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में सड़कों पर लोग सामूहिक नमाज़ के लिए एकत्रित हुए, उन्होंने मास्क पहन रखे थे. कम जोखिम वाले इलाकों में मस्जिदों में नमाज की अनुमति दी गई लेकिन अधिक जोखिम वाले क्षेत्रों में मस्जिदें बंद रहीं.
बंद रही दक्षिणपूर्वी एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद
दक्षिणपूर्वी एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद, जकार्ता स्थित इस्तिकला ग्रांड मस्जिद भी ईद पर बंद रही.
इंडोनेशिया तथा मलेशिया में ईद पर लगातार दूसरे साल लोगों को अपने संबंधियों के घर जाने के लिए यात्रा करने की इजाजत नहीं थी.
बांग्लादेश में, हजारो लोग अपने परिवारों के साथ ईद मनाने के लिए राजधानी ढाका से अपने गांवों की ओर रवाना हो रहे हैं. हालांकि देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगा हुआ है.
विशेषज्ञों ने देश में मामलों के बढ़ने की आशंका व्यक्त की है जो टीके की कमी से जूझ रहा है.