हैदराबाद : पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. इससे निजात पाने के लिए तमाम देश वैक्सीन बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं. वहीं कुछ देश इस महामारी के बढ़ते प्रसार को रोकने में सफल भी हुए हैं. हमनें सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, ताइवान, और जर्मनी की सफलता की कहानी सुनी है. इन देशों को कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई में अच्छी सफलता मिली है. अब यह देश लॉकडाउन हटाने की तैयारी कर रहे हैं. इन सबके बीच सबसे ज्यादा चौकानें वाला देश वियतनाम है, जिसकी सफलता की कहानी ही अब तक सामने नहीं आई थी, जबकि उपयुक्त देशों में कोरोना वायरस से हजारों लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं वियतनाम में खबर लिखे जाने तक कोरोना वायरस से एक भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है. इस तरह का दूसरा आश्चर्य दुनिया के सामने अब तक नहीं आ सका है.
11 मई तक जर्मनी में 7,661, सिंगापुर में 21, ताइवान में सात और दक्षिण कोरिया में 258 मौतें हुईं. वियतनाम में कोरोना वायरस से मौतें न होने का कारण सिर्फ महामारी के निवारक संबंधी उपाय को लेकर देश की दूरदर्शिता है.
जब अमेरिका इस वायरस की चपेट में आया तब वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस वायरस को चाइनीज वायरस बताया, लेकिन वियतनाम शुरू से ही चीन के बारे में अच्छी तरह से जानता है और यह सबक वह चीन-वियतनामी युद्ध से सीखा था. वियतनाम की एपीटी 32 (APT32) नामक एक साइबर सिक्योरिटी एजेंसी ने बताया कि चीन में एक नया वायरस फैल रहा है. इसके तुंरत बाद वियतनाम सरकार ने वुहान शहर सरकार और चीन के आपातकालीन विनियमन मामलों की जानकारी के लिए अपनी साइबर सुरक्षा एजेंसियों को दी.
अमेरिकन साइबर सुरक्षा फर्म फायर आई ने खुलासा किया है कि एपीटी32 चीन, जर्मनी और अमेरिका से बाहर की कंपनियों के रहस्यों को उजागर करने के लिए 2012 से साइबर हमले कर रहा है.
अमेरिका के साथ-साथ वियतनाम के सोशल मीडिया पोस्ट से भी पता चलता है कि चीन में नवंबर-दिसंबर, 2019 के दौरान एक नए वायरस की उत्पत्ति हुई.
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वियतनाम सरकार ने जानकारी इक्ट्ठा करने के बाद बिना समय गंवाए ही चीन से अपने व्यापारियों, छात्रों और राजदूतों को निकालने के लिए योजना बना ली, क्योंकि चीन के साथ वियतनाम 1281 किलो मीटर की सीमा साझा करता है. इससे देश में कोरोना वायरस फैलने का खतरा ज्यादा था.
वियतनाम की रणनीति
वियतनाम ने फरवरी 2020 में तीन स्तर पर रणनीति तैयार की. कम्युनिस्ट देश होने के बावजूद सरकार ने नागरिक अधिकार स्वतंत्रता के उल्लंघन किए बिना कोरोना वायरस के खिलाफ उपाय किए.