मेलबर्न : ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने इतिहास में पहली बार हाल ही में स्वदेश लौटने से पहले भारत में 14 दिन तक का वक्त बिताने वाले अपने नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है. इस प्रतिबंध का उल्लंघन करने पर सरकार ने पांच साल कैद या 50,899 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लगाने की चेतावनी दी है.
कई सांसदों, डॉक्टरों, सिविल सोसायटी और कारोबारियों ने इस कदम की आलोचना की थी. इस मामले पर सरकार के आदेश की अवधि 15 मई को समाप्त हो जाएगी. राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की शुक्रवार को हुई बैठक के बाद मॉरिसन ने इस पर सहमति जताई कि इस अवधि को और बढ़ाने की जरूरत नहीं है.
ऑस्ट्रेलिया 15 मई से 31 मई के बीच नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए तीन विमानों को भेजेगा. पहला विमान 15 मई को डार्विन पहुंचेगा. भारत से सीधी वाणिज्यिक उड़ानों पर अब भी प्रतिबंध है. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि हम भारत से लोगों को लाने के लिए पहला विमान भेजने की तैयारी कर रहे हैं.
उन्होंने राष्ट्रीय मंत्रिमंडल की ताजा बैठक के बाद कहा कि इसमें सबसे पहले उन 900 लोगों को लाया जाएगा जो अधिक परेशानी में हैं. मॉरिसन ने कहा कि विमानों में ऑस्ट्रेलिया के चालक दल के सदस्य सवार होंगे और उन्हें रवाना होने से पहले रैपिड एंटीजन जांच करानी होगी.
उन्होंने बताया कि इस महीने के अंत तक तीन विमान डार्विन में पहुंचेंगे जबकि भारत से क्वींसलैंड, न्यू साउथ वेल्स और विक्टोरिया में भी विमान पहुंचेंगे यानी कि संभवत: छह विमान आएंगे. मॉरिसन ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत से आने वाले विमानों पर तीन हफ्ते की रोक से पृथक केंद्रों में कोविड-19 संक्रमण की दर कम हुई है.