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थाईलैंड ने नारियल उद्योग में बंदरों से दुर्व्यवहार के आरोपों को किया खारिज

थाईलैंड के वाणिज्य मंत्री ने नारियल उद्योग में बंदरों से दुर्व्यवहार के दावों को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि बंदरों द्वारा नारियल जमा करना इस उद्योग का बड़ा हिस्सा नहीं है. पढ़ें पूरी खबर..

बंदरों के साथ दुर्व्यवहार
बंदरों के साथ दुर्व्यवहार

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Published : Jul 7, 2020, 6:42 PM IST

Updated : Jul 7, 2020, 7:57 PM IST

बैंकॉक : थाईलैंड ने पशु अधिकारों के प्रचारकों के उन आरोपों को खारिज किया है, जिसमें कहा गया है नारियल को जमा करने में बंदरों के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार किया जाता है. आपको बता दें कि थाईलैंड में बंदरों द्वारा नारियल जमा करना पर्यटकों के लिए लोकप्रिय आकर्षण का केंद्र है.

थाईलैंड के वाणिज्य मंत्री जुरिन लक्सानाविसित ने पेटा ( पीपुल फॉर द एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स ) के ब्रिटिश अभियान ग्रुप द्वारा लगाए गए आरोपों को खारिज किया है. वाणिज्य मंत्री ने कहा किबंदरों द्वारा नारियल जमा करना इस उद्योग का बड़ा हिस्सा नहीं है.

सरकार ने बंदरों से दुर्व्यवहार का आरोप किया खारिज.

जूरिन ने कहा कि पेटा के इस अभियान से ब्रिटेन और दूसरे यूरोपीय देशों में नारियल की बिक्री प्रभावित हो रही है.

थाईलैंड ने 2019 में 395 मिलियन डॉलर मूल्य के नारियल के दूध का निर्यात किया था. इसमें यूरोपीय संघ और यूके को हुए नारियल के दूध का निर्यात भी शामिल है, जिनका मूल्य 71 मिलियन डॉलर है.

नारियल किसान एसोसिएशन के अध्यक्ष नकुल लुक-इन ने कहा कि बंदरों का इस्तेमाल केवल बहुत ऊंचे पेड़ों पर चढ़ने के लिए किया जाता है.

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वहीं पेटा का कहना है कि आठ थाई खेतों की जांच में पाया गया कि बंदरों को एक दिन में 1,000 से अधिक नारियल इकट्ठा करने के लिए मजबूर किया गया. इसके लिए उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार भी किया गया.

पेटा ने यह भी कहा कि अभियान की वजह से बहुत सारे प्रमुख खुदरा दुकानों ने उन कंपनियों के नारियल के प्रोडक्ट्स हटा दिए हैं जो नारियल इकट्ठा करने के लिए बंदरों का इस्तेमाल करते हैं.

Last Updated : Jul 7, 2020, 7:57 PM IST

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