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काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए - Tear gas

काबुल एयरपोर्ट पर भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आसूं गैस के गोले दागे हैं. बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग मुल्क छोड़ने की कोशिश में हैं और काबुल हवाई अड्डे के जरिए वे देश से निकलना चाह रहे हैं, जिसकी वजह से काबुल हवाई अड्डे के आस-पास भारी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई.

काबुल एयरपोर्ट
काबुल एयरपोर्ट

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Published : Aug 26, 2021, 6:55 PM IST

Updated : Aug 26, 2021, 10:34 PM IST

काबुल : अब जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया है. तालिबान के खौफ के साये में जान बचाने के लिए मशक्कत जारी है. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद हजारों लोग मुल्क छोड़ने की कोशिश में हैं और काबुल हवाई अड्डे के जरिए वे देश से निकलना चाह रहे हैं, जिसकी वजह से गुरुवार को काबुल हवाई अड्डे के आस-पास भारी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए हैं.

इसी बीच कई देशों ने अपने नागरिकों से कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर आने से बचें. बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी की 31 अगस्त की समयसीमा से पहले विभिन्न देश काबुल से अपने नागरिकों को निकालने में जुटे हैं. अमेरिकी सेना काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था देख रही है.

काबुल एयरपोर्ट पर आंसू गैस के गोले छोड़े गए

काबुल पर 15 अगस्त को तालिबान के कब्जे के बाद भारत के आपरेशन देवीशक्ति के तहत वहां से अब तक 800 लोगों को बाहर निकाल कर लाया गया है.

गौरतलब है कि पिछले दस दिनों में (14-24 अगस्त तक) काबुल हवाईअड्डे से करीब 70,700 लोगों को बाहर निकाला गया है. हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा संभवत: इतना व्यस्त कभी नहीं रहा, क्योंकि कम से कम 26 देशों के विमान चौबीसों घंटे नागरिकों को निकाल रहें हैं.

यह भी पढ़ें-आधुनिक हथियारों से लैस तालिबान, खतरे में रेस्क्यू करने वाले विमान

वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि पिछले 12 घंटों में 5,600 सैनिकों के साथ 6,400 लोगों और 31 गठबंधन विमानों ने काबुल से उड़ान भरी. बाइडेन ने यह भी आशंका व्यक्त की कि काबुल हवाई अड्डे पर अमेरिका और संबद्ध बलों को इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह के संभावित हमले का खतरा है.

इसी बीच डेनमार्क के रक्षा मंत्री ट्राइन ब्रैमसेन ने आगाह किया है कि काबुल में जाने वाले या वहां से आने वाले विमानों का संचालन अब सुरक्षित नहीं रहा है. उन्होंने बुधवार को डेनमार्क के प्रसारणकर्ता टीवी2 से यह बात कही.

उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी से आने वाले आखिरी विमान में 90 लोग सवार हैं जिनमें डेनमार्क के आखिरी सैनिक और राजयनिक शामिल हैं.

Last Updated : Aug 26, 2021, 10:34 PM IST

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