काबुल :अफगानिस्तान के चौथे सबसे बड़े शहर मजार-ए-शरीफ पर शनिवार को चौतरफा हमलों के बाद तालिबान का कब्जा हो गया. एक सांसद ने यह जानकारी दी. इसके साथ ही, तालिबान का पूरे उत्तरी अफगानिस्तान पर कब्जा हो गया और अब सिर्फ मध्य और पूर्वी हिस्से ही पश्चिमी देश समर्थित सरकार के नियंत्रण में रह गये हैं.
बल्ख के सांसद अबास इब्राहिमज़ादा ने कहा कि प्रांत की राष्ट्रीय सेना के कोर ने पहले आत्मसमर्पण कर दिया, जिसके बाद सरकार समर्थक मिलिशिया और अन्य बलों ने मनोबल खो दिया और हार मान ली. उन्होंने कहा कि हजारों लड़ाकों का नेतृत्व करने वाले अब्दुल राशिद और अता मोहम्मद नूर प्रांत से भाग गये हैं और उनका कोई अता-पता नहीं है.
अफगानिस्तान के एक सांसद ने कहा कि तालिबान ने बिना लड़ाई के मध्य दाइकुंदी प्रांत पर कब्जा कर लिया है. प्रांतीय सांसद सैयद मोहम्मद दाऊद नसीरी ने कहा कि राजधानी निली में सभी प्रांतीय प्रतिष्ठानों पर विद्रोहियों का कब्जा होने से पहले केवल दो बार गोलीबारी की आवाज सुनी गई.
तालिबान ने हाल के दिनों में बहुत आगे बढ़ा है. उसने हेरात और कंधार पर कब्जा कर लिया, जो देश के क्रमश: दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शहर हैं. उसका अब 34 प्रांतों में करीब 24 पर कब्जा है. तालिबान ने पाकिस्तान की सीमा से लगे छोटे से प्रांत कुनार पर बिना किसी लड़ाई के कब्जा कर लिया. क्षेत्र के एक सांसद नेमतुल्लाह करयब ने यह जानकारी दी.
बाद में लड़ाकों ने बगैर लड़ाई के ही लगमान प्रांत की राजधानी मिहतेरलम पर कब्जा कर लिया. प्रांत के सांसद जेफोन सफी ने यह जानकारी दी.
तालिबान ने उत्तरी फरयाब प्रांत की राजधानी मैमाना पर भी कब्जा कर लिया है. प्रांत की एक सांसद फौजिया रऊफी ने यह जानकारी दी. तालिबान ने एक महीने से मैमाना का घेरा डाल रखा था और तालिबान आतंकी कुछ दिन पहले शहर में घुसे थे. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने विरोध किया लेकिन आखिरकार शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया.