काबुल: तालिबान ने काबुल स्थित अंतरराष्ट्रीय परिसर पर सोमवार रात को किए आत्मघाती हमले का मंगलवार को सही ठहराने का प्रयास किया है. इसके साथ ही युद्ध समाप्त करने के लिए तालिबान के साथ समझौता करने की अमेरिकी कोशिशों को झटका लगा है.
इस हमले में 16 लोगों की मौत हुई थी और 119 अन्य लोग घायल हुए थे. यह हमला अमेरिकी दूत के उस बयान के कुछ घंटों बाद किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि युद्ध को समाप्त करने पर तालिबान के साथ सैद्धांतिक सहमति बन गई है.
हमले से नाराज काबुल निवासियों ने सवाल किया कि क्या तालिबान के साथ किए किसी समझौते पर भरोसा किया जा सकता है खासतौर पर विदेशी सैनिकों की वापसी को लेकर. उनका सवाल है कि तालिबान चाहता था कि अमेरिकी सैनिकों की वापसी हो और समझौते में उसकी शर्त मानी जा रही है. इसके बावजूद वह हमले कर रहा है.
कुछ विश्लेषकों ने भी चेतावनी दी है कि तालिबान के कुछ गुट अमेरिका के साथ होने वाले समझौते पर नाराजगी जता सकते हैं लेकिन तालिबान के राजनीतिक नेताओं ने कतर में बातचीत के दौरान भरोसा दिया है कि उसके हजारों लड़ाकें संभावित समझौते का अनुपालन करेंगे.
तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा, 'हम समझते हैं कि शांति वार्ता चल रही है... लेकिन उन्हें भी समझना चाहिए कि हम कमजोर नहीं हुए हैं. अगर हम वार्ता में शामिल होंगे तो मजबूत स्थिति में.'