नेपीतॉ : म्यांमार में तख्तापलट के मद्देनजर स्टेट काउंसलर आंग सान सू की ने लोगों से आह्वान किया है कि वे इस सैन्य कार्रवाई के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करें. असैनिक सरकार और सेना के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर सोमवार तड़के राष्ट्रपति विन मिंत, स्टेट काउंसलर आंग सान सू ची और सत्तारूढ़ नेशनल लीग ऑफ डेमोक्रेसी (एनएलडी) पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में ले लिया गया. इसके बाद सरकार ने आपातकाल की घोषणा कर दी है जो एक साल तक चलेगी. म्यामांर की नेता आंग सान सू की और सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लेने पर अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया दी है.
गौरतलब है कि म्यांमार में हाल ही में चुनाव हुए थे, जिसे सेना ने फर्जी बताया है और इसके बाद सैनिक विद्रोह की आशंकाएं बढ़ गई थीं. सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के प्रवक्ता म्यों युंत ने इस खबर की पुष्टि की है कि आंग सान सू की, राष्ट्रपति विन मिंत और कई अन्य नेताओं को सोमवार तड़के हिरासत में ले लिया गया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सू की ने एक बयान जारी कर कहा कि मैं लोगों से अपील करती हूं कि इस सैन्य शासन को वे कतई स्वीकार न करें और इस तख्तापलट के खिलाफ आवाज बुलंद करें. उन्होंने यह भी कहा है कि सोमवार की घटना ने पूरे देश को एक बार फिर तानाशाही के दौर में धकेल दिया है.
तख्ता पलट के बाद सेना ने देश का नियंत्रण एक साल के लिए अपने हाथों में ले लिया है. सेना ने जनरल को कार्यकारी राष्ट्रपति नियुक्त किया है. नवंबर, 2020 में आम चुनावों के बाद से ही सरकार और सेना के बीच गतिरोध बना हुआ है.
म्यों युंत ने कहा कि पार्टी की केंद्रीय कार्यकारी समिति के दो सदस्यों को हिरासत में ले लिया गया है. मुझे भी हिरासत में लिया जा सकता है. पार्टी के सदस्यों ने कहा है कि मेरी बारी भी आने वाली है.
इस बीच, सरकारी रेडिया व टीवी चैनल (एमआरटीवी) ने काम करना बंद कर दिया है. चैनल ने सोशल मीडिया पेज पर इस आशय की जानकारी दी है. राजधानी ने पी तॉ और अन्य राज्यों एवं क्षेत्रों में दूरसंचार व्यवस्था ठप कर दी है. प्रमुख शहरों में मोबाइल इंटरनेट डेटा कनेक्शन और फोन सेवाएं बाधित हो गई हैं.