इस्लामाबाद : एक दिन पहले ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों ने कहा था कि युद्धग्रस्त देश में एक समावेशी सरकार होना महत्वपूर्ण है, जिसमें सभी जातीय, धार्मिक और राजनीतिक समूहों के प्रतिनिधि हों. पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि उन्होंने तालिबान से बातचीत शुरू कर दी है.
अगस्त माह में अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबान ने समावेशी सरकार का वादा किया था, जिसमें अफगानिस्तान की जटिल जातीय संरचना का प्रतिनिधित्व हो लेकिन 33 सदस्यीय अंतरिम मंत्रिमंडल में न तो हजारा समुदाय का कोई सदस्य है और न ही कोई महिला है.
इमरान खान ने ट्विटर पर लिखा कि अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के नेताओं के साथ दुशांबे में बैठक के बाद खासकर ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रहमान के साथ लंबी चर्चा के बाद मैंने ताजिक, हजारा और उज्बेक समुदाय के प्रतिनिधित्व वाली समावेशी अफगान सरकार के लिए तालिबान के साथ बात की है.
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि 40 वर्ष के संघर्ष के बाद यह समावेशिता शांति और एक स्थिर अफगानिस्तान सुनिश्चित करेगी, जो न केवल अफगानिस्तान बल्कि क्षेत्र के भी हित में है.