सिंगापुर : सिंगापुर के उपनगर यीशून आवासीय संपत्ति में प्रमुख हिंदू मंदिर पर नियंत्रण को लेकर दो धड़ों के बीच हुई खींचतान का मामला अदालत में पहुंचने के बाद उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश ने इसे 'दायर की गई सबसे बेतुकी एवं व्यर्थ कार्रवाइयों में से एक कहा है.'
बृहस्पतिवार को एक लिखित फैसले में, न्यायमूर्ति चू हान टेक ने कहा कि श्री महा मरियम्मन मंदिर को लेकर हुए विवाद पर मुकदमा नहीं चलना चाहिए था. 'द स्ट्रेट्स टाइम्स' समाचार-पत्र ने खबर दी कि विवाद खड़ा करने वाले एक धड़े में सुब्रमण्यण करुप्पिया तेवर शामिल हैं जिनकी बहन के कल्याणताई मंदिर की संस्थापक और लंबे वक्त इसकी अध्यक्ष रही हैं.
दूसरे धड़े में प्रबंधन समिति के चार सदस्य शामिल हैं जिन्हें 2017 में कल्याणताई की मौत के बाद निर्वाचित किया गया था. 2017 में बनी इस समिति की वैधता को लेकर विवाद खड़ा हुआ था जिसमें मंदिर के कुछ सदस्य फिर से चुनाव कराने की मांग कर रहे थे.