इस्लामाबाद: पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नाम से 11 विपक्षी राजनीतिक दलों के सरकार विरोधी गठबंधन ने अपना अभियान शुरू कर दिया है. इस पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि शरीफ सेना, न्यायपालिका और सरकार में कलह डालने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ के कथित एजेंडे के खिलाफ जमकर धाबा बोलते हुए कहा कि नवाज का उद्धेश्य सेना, न्यायपालिका और सरकार में कलह डालना है.
दरअसल, शुक्रवार को गुजरांवाला में आयोजित पीडीएम की पहली रैली में इमरान खान की सरकार को लेकर काफी आक्रामक रूख देखा गया. इसके बाद इमरान खान ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शऱीफ पर वित्तीय भ्रष्टाचार के लिए NAB से बचने के प्रयास में दुश्मन के एजेंडे पर काम करने का आरोप लगाया. क्रोधित इमरान ने नवाज शरीफ की तुलना गीदड़ से की. उन्होंने कहा कि शरीफ जो दुम दबाकर लंदन भाग गए.
इमरान ने कहा कि नवाज वो आदमी हैं, जो पहली बार जनरल (रिटायर) गुलाम जिलानी की महरबानी से मंत्री बना था, यह वही आदमी है, जो जनरल जियाउल हक के जूते पॉलिश करके मुख्यमंत्री (पंजाब) बना था.
खान ने शरीफ के राजनीतिक कैरियर का जिक्र करते हुए कहा कि यह वही आदमी है जिसने तत्कालीन आईएसआई प्रमुख जनरल (retd) असद दुर्रानी से मेहरान बैंक के माध्यम से करोड़ों रुपये लिए थे, ताकि पीपीपी के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए दक्षिणपंथी दलों के गठबंधन को एकजुट किया जा सके.
खान ने कहा कि जनरल दुर्रानी ने सर्वोच्च न्यायालय में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में यह स्वीकार किया, लेकिन विडंबना यह है कि हमारी अदालतों ने हमेशा उसे दूर होने में मदद की है. ये वो शख्स है जिसने आसिफ अली जरदारी को दो बार जेल में डाला. यह जरदारी ही थे, जिन्होंने जनरल कमर जावेद बाजवा के खिलाफ हुदैबिया पेपर मिल्स केस चलाया था.
भारत का जिक्र कर अनर्गल टिप्पणी
इमरान ने आगे कहा कि यह न केवल पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान को बदनाम बल्कि राज्य संस्थानों के बीच भटकाव सुनिश्चित करने और देश में अस्थिरता फैलाने के लिए दुश्मन का एक एजेंडा है. उन्होंने कहा कि शरीफ शासन में दरार पैदा करने की कोशिश कर खतरनाक खेल खेल रहे हैं.
बकौल इमरान, शरीफ सेना और न्यायपालिका को लक्षित करने के भारतीय नैरेटिव को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, जिसके लिए उन्हें भारतीय मीडिया में बड़े पैमाने पर कवरेज मिल रही है.