मेलबर्न: ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन ने रविवार को आम चुनावों में 'चमत्कारिक' रूप से वापसी की है. इसी वापसी के साथ एग्जिट पोल्स को गलत भी साबित कर दिया. सत्तारूढ़ गठबंधन की जीत के बाद विपक्षी लेबर पार्टी के नेता बिल शॉर्टन को इस्तीफा देने के लिए विवश होना पड़ा.
नई संसद और अगला प्रधानमंत्री चुनने के लिए ऑस्ट्रेलिया के मतदाताओं ने शनिवार को मतदान किया. यह चुनाव मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर लड़ा गया इस बार आधारित था. देश में करीब पांच हफ्ते तक चले चुनाव प्रचार के बाद शनिवार को 1.6 करोड़ ऑस्ट्रेलियाई मतदाताओं ने देश का 31वां प्रधानमंत्री चुनने के लिए मतदान किया था.
ताजा परिणामों के अनुसार कंजर्वेटिव गठबंधन ने 74 सीटें जीतीं. वहीं लेबर पार्टी ने 66 सीटों पर जीत हासिल की. 151 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में बहुमत के लिए किसी भी पार्टी को 76 सीटों की जरुरत होती है. अभी यह साफ नहीं हुआ है कि क्या 51 वर्षीय मॉरिसन को सरकार बनाने के लिए निर्दलीय सांसदों के समर्थन की जरुरत होगी या नहीं.
इंडी सीट से विजेता निर्दलीय हेलन हैन्स ने कहा कि वह त्रिशंकु संसद की स्थिति में गठबंधन के साथ काम करेंगी. हैन्स ने कहा कि वह जलवायु परिवर्तन के मुद्दे से निपटने पर सरकार के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
मॉरिसन अपनी पत्नी जेनी के साथ रविवार को सिडनी के सदरलैंड शिरे में एक चर्च में गए. वहां उन्होंने स्थानीय मतदाताओं का आभार जताया. मॉरिसन ने अपने समर्थकों से कहा, 'मैं हमेशा चमत्कार में यकीन करता हूं. मैं और मेरी सरकार और मेरी पूरी टीम आप सभी का आभार जता रहे हैं.