हैदराबाद : विश्वभर में फैले कोरोना वायरस के जोखिम के स्तर को चीन ने कम कर दिया है. यहां जिंदगी पटरी पर लौट रही है.गौरतलब है कि नौ सप्ताह के बाद चीन ने मध्य हुबेई प्रांत पर लगाई गई तालाबंदी को हटाने का फैसला किया है. हालांकि वैज्ञानिक और दुनिया इस बात पर पैनी नजर बनाए हुए है कि क्या नए मामलों के साथ ही लॉकडाउन में ढील देने का चीन का फैसला सही होगा? कोरोना वायरस संक्रमण के बहुत कम मामले सामने आने के साथ ही चीन इन सब बातों से बेपरवाह है.
हांगकांग विश्वविद्यालय के एक महामारी विज्ञानी बेन काउलिंग कहते हैं कि लॉकडाउन आराम करने का समय है, लेकिन हमें संक्रमण की संभावित स्टेजों के लिए सतर्क रहने की जरूरत है. देश में बढ़ते पॉजिटिव मामलों को देखते हुए वुहान को पूरी तरह से बंद करा दिया गया. इसके साथ ही चीन ने अपनी सीमाओं के भीतर यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया. ज्यादातर व्यवसायों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों को बंद कर दिया और घातक वायरस के प्रसार को रोकने की कोशिश में लोगों को घर पर रहने के लिए कहा गया.
यह भी पढ़ें :कोरोना से मौतों का असली आंकड़ा छिपा रहा है चीन : निक्की हेली
लॉकडाउन ने चीन में कोरोना वायरस के मामलों में ढील जरूर दी है. इस बीच ज्यादा जांचें हुईं. इसके साथ ही सामाजिक दूरी ने कोरोना के बढ़ते मामलों में काफी हद तक रोक लगा दी.
सील हुईं सीमाएं
बता दें, चीन ने अपनी सीमाओं को सील कर दिया है. इसके साथ ही देश में लौटने वाले निवासियों के लिए चौदह दिन के क्वारंटाइन की घोषणा की गई.
शोधकर्ताओं का दावा है कि चीन के आक्रामक रुख से वहां संक्रमण के मामले घटे हैं.
इटली और स्पेन जैसे देशों को सामान्य जीवन में वापस लौटने के लिए अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि इन देशों ने गहन जांच और लोगों के भौतिक संपर्क को कम करने की बजाय वायरस की गति को धीमा करने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया है.
हांगकांग विश्वविद्यालय के एक संक्रामक रोग शोधकर्ता गेब्रियल लियुंग कहते हैं कि फिर भी चीन में नए प्रकोप का खतरा अधिक है, इसके साथ ही संक्रमण के कुछ मामले अब भी अछूते हैं.
पढ़ें :कोरोना: भारतीय मूल के योग एक्सपर्ट ने दी चीन के हालात के बारे में जानकारी
इस बात की संभावना है कि सिर्फ लॉकडाउन पर्याप्त नहीं है. वायरस को रोकने के लिए हमें और भी कड़े कदम उठाने की जरूरत है.
धीरे-धीरे सामान्य हो रहा जीवन
चीन के हुबेई प्रांत में जीवन अभी तक सामान्य नहीं हुआ है. हालांकि, लोग धीरे-धीरे अपने घरों से बाहर निकलकर काम पर लौट रहे हैं और कारखाने फिर से खुल रहे हैं.