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अमेरिका के विरोध का नहीं हुआ असर, तुर्की ने रूस से खरीदे S-400 मिसाइल - मरटेड मिलीट्री एअरफिल्ड

अमेरिका के मना करने के बाउजूद भी शुक्रवार को तुर्की ने रूस से S-400 मिसाइल की पहली खेप खरीद ली है .इस पर यूएस का कहना है कि तुर्की को इसका खामियाजा भुगतना पडे़गा.

रसियन मिसाइल की तस्वीर

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Published : Jul 12, 2019, 11:49 PM IST

इस्ताबुंल: अमेरिका के दबाव को नकारते हुए तुर्की ने रूस से S400 एअर डिफेन्स मिसाइल की पहली खेप खरीद ली है. तुर्की के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसे रूस की एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की पहली खेप मिल गई है.

अंकारा मिनिस्ट्री के हवाले से रुस की मीडिया ने कहा कि शुक्रवार को मिसाइल की पहली खेप राजधानी अंकारा के बाहर मरटेड मिलीट्री एअरफिल्ड पर पहुंची है. इसी बीच अमेरिका ने चेतावनी दी है कि तुर्की अगर रूस से S-400 मिसाइल खरीदती है तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

रूस से तुर्की पहुंची s-400-मिसाइल

अमेरिका ने अपने बयान में कहा है कि अगर तुर्की S-400 डिफेन्स का अधिग्रहण करती है तो उसे अमेरिका और NATO (नार्थ एटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन ) के साथ गंभीर परिणाम का सामना करना पडे़गा.

क्या है पूरा मामला-

  • तुर्की ने रूस से S-400 एअर डिफेन्स मिसाइल की पहली खेप खरीद ली है.
  • मिसाइल की पहली खेप राजधानी अंकारा के बाहर मरटेड मिलीट्री एअरफिल्ड पर पहुंची
  • अमेरिका चेताया था कि तुर्की मिसाइल का अधिग्रहण करता है तो इसका बहुत ही वास्तविकऔर बहुत ही बुरा परिमाण होगा
  • इसके बाउजूद भी तुर्की ने लगातार यूएस के अल्टीमेटम को खारिज कर दिया .
  • बता दें कि दिसंम्बर 2017 में मास्को और अंकारा के बीच S400 की खेप खरीदने के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर किया गया था.
  • यूएस और नाटो ने तुर्की के इस फैसले की आलोचना की थी.
  • अमेरकी राजधानी वाशिंगटन ने हाल ही में तुर्की को धमकाते हुए कहा कि या तो तुर्की S 400 के अधिग्रहण पर प्रतिबंध लगा दे.
  • इसके अलावा कहा कि अंकारा F35 एअरकाफ्ट मे खरीद में देरी कर या तो रद्द कर दे.
  • तुर्की ऐसा सातवां देश है जौ F35 प्रोग्राम में शामिल हुआ है.
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि लंबी दूरी क्षेत्रीय वायु मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 के कलपुर्जों की पहली खेप 12 जुलाई, 2019 से अंकारा के मूर्तेद हवाई अड्डे पर पहुंचने शुरू हो गये हैं.
वाशिंगटन ने धमकी दी है कि वह तुर्की को उसके एफ-35 लड़ाकू जेट कार्यक्रम से हटा देगा और इसके लिए उसे 31 जुलाई का वक्त दिया गया कि वह एस-400 की खरीदारी रद्द कर दे.

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