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महिन्दा राजपक्षे बने श्रीलंका के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

श्रीलंका में नये शासन की नीतियों को लेकर अल्पसंख्यकों तमिलों और मुसलमानों में कई आशंकाएं होने की खबरें सामने आई हैं. इसी बीच एक ताजा घटनाक्रम में महिन्दा राजपक्षे नए प्रधानमंत्री बने हैं. जानें पूरा विवरण...

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Published : Nov 21, 2019, 9:35 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 10:09 PM IST

कोलंबो : श्रीलंका में नवनिर्वाचित राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने बड़े भाई महिन्दा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई है.

गुरुवार को महिन्दा राजपक्षे ने प्रधानमंत्री पद का कामकाज संभाल लिया. वह अगस्त 2020 में प्रस्तावित आम चुनाव होने तक कार्यवाहक मंत्रिमंडल के प्रधानमंत्री के रूप में कामकाज देखेंगे.

नये प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'मैं श्रीलंका के नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं. मैं सभी श्रीलंकाई लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर हूं क्योंकि हम भविष्य की पीढ़ियों की रक्षा के लिए और विकास के एक नये नजरिये के साथ देश को आगे लेकर जाना चाहते हैं.'

गोटबाया के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तीन दिन बाद महिन्दा ने राष्ट्रपति सचिवालय में नये प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.

इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, पूर्व राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना और अन्य नेता मौजूद थे.

राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने ट्वीट किया, 'मैं श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिन्दा राजपक्षे को अपनी हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देता हूं.'

प्रधानमंत्री के रूप में महिन्दा का यह दूसरा कार्यकाल है. महिन्दा राजपक्षे 2005 से 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं. वर्ष 2018 में वह कुछ समय के लिए प्रधानमंत्री भी रहे थे.

इससे पहले, महिन्दा को 26 अक्टूबर 2018 को तत्कालीन राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री नियुक्त किया था.

देश के उच्चतम न्यायालय के दो महत्वपूर्ण आदेशों के बाद महिन्दा ने 15 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.

इससे पूर्व दिन में विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति गोटबाया को औपचारिक रूप से अपना त्यागपत्र सौंप दिया.

ये भी पढ़ें :राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने भाई महिंदा को प्रधानमंत्री नामित किया

विक्रमसिंघे ने राष्ट्रपति चुनाव में सजीत प्रेमदास की हार के बाद बुधवार को अपने इस्तीफे की घोषणा कर दी थी. राष्ट्रपति चुनाव में गोटबाया विजयी रहे थे.

राष्ट्रपति के रूप में सोमवार को शपथ लेने के तुरन्त बाद उन्होंने देश में शक्तिशाली बौद्ध भिक्षुओं को उनकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी का समर्थन करने के लिये धन्यवाद दिया था. उन्होंने अपने निर्वाचन के लिये बहुसंख्यक सिंहली समुदाय के लोगों को भी धन्यवाद दिया.

राजपक्षे ने कहा था, 'मैं जानता था कि सिर्फ सिंहली समुदाय से आने वाले समर्थन से ही राष्ट्रपति चुनाव जीतूंगा. मैंने अल्पसंख्यकों से साथ आने को कहा था. मुझे उनका कोई समर्थन नहीं मिला. लेकिन मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं सभी का राष्ट्रपति रहूं.'

गौरतलब है कि दोनों भाइयों-गोटबाया और महिन्दा ने निर्णायक कार्रवाई की थी जिसके तहत देश में लिट्टे के साथ तीन दशक से जारी गृहयुद्ध का खात्मा करने में मदद मिली थी.

इस बीच नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि वह श्रीलंका की नई सरकार के साथ करीब से मिलकर काम करने को तैयार है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि श्रीलंका की नई सरकार द्वीप देश के तमिल समुदाय की आकांक्षाओं को पूरा करेगी.'

Last Updated : Nov 21, 2019, 10:09 PM IST

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