कोलंबो : श्रीलंका पोडुजना पार्टी ने 2019 के राष्ट्रपति चुनावों में अपने उम्मीदवार गोटाबाया राजपक्षे से बड़ी जीत हासिल की है. श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदासा ने देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली.
श्रीलंका में गृहयुद्ध के दौरान विवादित रक्षा सचिव रहे गोटबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत दर्ज की. उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदासा को 13 लाख से अधिक मतों से पराजित किया. गोटबाया की जीत राजपक्षे परिवार को फिर से देश की सत्ता में ले आई है.
आधिकारिक परिणामों के अनुसार राजपक्षे को 52.25 प्रतिशत (6,924,255) मत मिले जबकि प्रेमदासा को 41.99 प्रतिशत (5,564,239) वोट प्राप्त हुए.
चुनाव आयोग ने बताया कि अन्य उम्मीदवारों को 5.76 प्रतिशत वोट मिले. राजपक्षे (70) ने अपने समर्थकों से शांतिपूर्ण ढंग से जीत का जश्न मनाने की अपील की है.
इससे पहले प्रेमदासा (52) ने निर्वाचन सचिवालय की ओर से परिणाम की आधिकारिक घोषणा से भी पहले चुनाव में हार स्वीकार करते हुए यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के उपनेता के पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे दिया था.
राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार गोटाबाया राजपक्षे की जीत हासिल करने पर भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर बधाई दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा किराष्ट्रपति चुनावों में आपकी जीत परबधाई हो गोटाबाया राजपक्षे. मैं दोनों देशों और नागरिकों के बीच घनिष्ठ और भ्रातृ संबंधों को गहरा करने के लिए और शांति, समृद्धि के साथ ही हमारे क्षेत्र में सुरक्षा के लिए आपके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं.
दूसरे ट्वीट में मोदी ने वहां के लोगों को बधाई देते हुए कहा, 'मैं चुनाव के सफल आयोजन के लिए श्रीलंका के लोगों को भी बधाई देता हूं.'
परिणाम बाद सजीत प्रेमदास ने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व रक्षा सचिव गोटाबाया राजपक्षे को बधाई दी.
प्रेमदास ने कहा, 'लोगों के निर्णय का सम्मान करना और श्रीलंका के सातवें राष्ट्रपति के तौर पर चुने जाने के लिए गोटाबाया राजपक्षे को बधाई देना मेरे लिए सौभाग्य की बात है.'
प्रेमदास के बयान से पूर्व राजपक्षे के प्रवक्ता ने चुनाव परिणाम की आधिकारिक घोषणा से पहले दावा किया कि 70 वर्षीय सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल ने शनिवार को हुए चुनाव में जीत दर्ज की.
बता दें कि श्रीलंका में घातक आतंकवादी हमले के सात महीने बाद कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान हुआ था.