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हांगकांग : पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच फिर झड़प, यातायात ठप, स्कूल-कॉलेज बंद

लोकतंत्र की मांग को लेकर हांगकांगवासियों का प्रदर्शन अब भी जारी है. प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को कई रास्तों को अवरुद्ध कर दिया और ट्रेनों में तोड़फोड़ की, जिसके बाद कई सबवे और रेलवे स्टेशन बंद कर दिये गये. स्कूलों तथा विश्वविद्यालयों में कक्षाएं निलंबित कर दी गयी. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच रातभर चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में झड़पें जारी रहीं. सुबह भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही. जानें विस्तार से....

हांगकांग प्रदर्शन

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Published : Nov 13, 2019, 6:43 PM IST

Updated : Nov 13, 2019, 7:29 PM IST

बीजिंग : हांगकांग में बीते छह महीने से प्रदर्शन लगातर जारी है और यह अब हिंसक मोड़ ले चुका है. बीते सोमवार की हिंसा में दो लोगों की हालत गंभीर होने के बाद स्थिति ज्यादा बिगड़ गयी और मंगलवार को विश्वविद्यालय परिसर और सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में प्रदर्शन जारी रहा. गौरतलब है कि सोमवार के प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी को गोली मार दी और प्रदर्शनकारियों के साथ बहस के दौरान एक आदमी को आग लगा दी गयी थी.

पुलिस ने हांगकांग और विश्वविद्यालय परिसर के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है. हांगकांग में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने रातभर हिंसक झड़पें की. प्रदर्शनकारियों ने रास्तों को अवरुद्ध कर दिया और ट्रेनों में तोड़फोड़ की, जिसके बाद कई सबवे और रेलवे स्टेशन बंद कर दिये गये. स्कूलों तथा विश्वविद्यालयों में कक्षाएं निलंबित कर दी गयी हैं. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच रातभर चाइनीज यूनिवर्सिटी ऑफ हांगकांग में झड़पें हुई. सुबह भी स्थिति तनावपूर्ण बनी रही.

ईटीवी भारत रिपोर्ट.

हिंसा रोकना हांगकांग का सबसे महत्वपूर्ण कार्य
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कंग श्वांग ने कहा कि हिंसा रोकना और हांगकांग में सामान्य वातावरण बनाए रखना हांगकांग का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. यह हांगकांग में सबसे व्यापक सहमति और सबसे मजबूत आवाज है.

उन्होंने कहा कि चीनी केंद्रीय सरकार कानून प्रशासन में हांगकांग एसएआर सरकार का दृढ़ता से समर्थन करती है और कानून को सख्ती से लागू करने, सामाजिक व्यवस्था बनाए रखने और नागरिकों की सुरक्षा की रक्षा में हांगकांग पुलिस का समर्थन देती है.

बताया जाता है कि अमेरिका ने हांगकांग की ताजा हिंसा में घातक बल के अनुचित उपयोग की निंदा की. ब्रिटिश प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित पक्षों को शांति व संयमित रहने का आग्रह किया. ब्रिटिश प्रधानमंत्री शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार का समर्थन करते हैं.

कंग श्वांग ने कहा, 'दुनिया के किसी भी देश में, पुलिस के आग्नेयास्त्रों को लूटने, पुलिस के अधिकारियों पर हमला करने या पुलिस की व्यक्तिगत सुरक्षा को धमकी देने की अनुमति नहीं है. हिंसा को रोकना और हांगकांग में सामान्य वातावरण बनाए रखना हांगकांग का सबसे महत्वपूर्ण कार्य है. हांगकांग के मामले विशुद्ध रूप से चीन के आंतरिक मामले हैं, इसमें किसी भी विदेशी सरकार, संगठन या व्यक्ति को हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है.'

पुलिस ने एक प्रदर्शनकारी को मारी गोली
बता दें कि हांगकांग में विरोध प्रदर्शन के दौरान एक पुलिसकर्मी ने कम से कम एक शख्स को गोली मार दी. बीबीसी ने सोमवार को बताया कि फेसबुक पर लाइव दिखायी गयी फुटेज में अधिकारी एक शख्स के साथ हाथापाई करने से पहले बंदूक निकालता नजर आ रहा है. फिर काले रंग का मास्क पहने एक व्यक्ति अधिकारी की ओर बढ़ता है और अधिकारी उसे करीब से सीने में गोली मार देता है.

हाथापाई जारी रहने के दौरान अधिकारी एक बार और दो राउंड फायरिंग करता है, हालांकि यह फुटेज से स्पष्ट नहीं है कि गोलियां किसी को लगीं या नहीं. अधिकारी की गोली का शिकार बने पहले शख्स की हालत के बारे में पता नहीं चल पाया. गोलीबारी की यह घटना तब हुई, जब प्रदर्शनकारियों ने द्वीप के उत्तर-पूर्व में साई वान हो पर एक चौराहे को अवरुद्ध करने की कोशिश की.

88 प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी
हांगकांग के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संस्थानों और दुकानों को नष्ट किया, पुलिसकर्मियों पर हमला किया और सड़क अवरुद्ध की. हांगकांग पुलिस ने 11 नवम्बर को इसकी कड़ी निंदा की. इस मामले में अब तक 88 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने कॉव्लून टोंग, त्सू वान, शा टिन, तूने मुन, त्सेुंग कवन ओ, ताई पो और मोंग कोक आदि क्षेत्रों में अवैध रूप से एकत्र होकर कई दुकानों और सार्वजनिक संस्थापनों को नष्ट किया, जिससे सामाजिक शांति को नुकसान पहुंचा. फिर अपराह्न साढ़े चार बजे प्रदर्शनकारियों ने कॉव्लून टोंग फेस्टिवल वॉक में कई दुकानों को नष्ट किया. पुलिस ने शीघ्र ही कुछ प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया और स्थिति को बिगड़ने से बचाया.

हांगकांग पुलिस ने दोहराया कि किसी भी उद्देश्य के लिए हिंसा का प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. पुलिस सामाजिक व्यवस्था बहाल करने के लिए जरूरी कार्रवाई करेगी और अवैध कार्रवाई करने वाले को सजा देगी

बता दें, हांगकांगवासी पिछले छह महीने से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका यह अभियान एक प्रत्यर्पण बिल को लेकर शुरू हुआ था, जो कि अब वापस ले लिया गया है, लेकिन हांगकांग के रहने वालों की लोकतंत्र की मांग वर्ष 2000 से लगातार जारी है. वर्ष 1997 में चीन-ब्रिटेन के बीच करार खत्म होने के बाद ही हांगकांग चीन का हिस्सा बन गया था.

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एक देश, लेकिन दो कानून
वर्ष 1997 में हुए ब्रिटेन-चीन एग्रीमेंट के तहत हांगकांग चीन का हिस्सा बना था. चीन का हिस्सा होने के बावजूद भी यहां का अलग कानून और झंडा है. हांगकांग के लोगों के पास अपने नागरिक अधिकार हैं, साथ ही स्वतंत्र मीडिया भी.

यहां रहने वाले लोग मुख्य रूप से दो धड़ों में बंटे हुए हैं. एक हांगकांग की आजादी के समर्थक हैं, तो दूसरे बीजिंग समर्थक. ताजा विरोध प्रत्यर्पण बिल को लेकर है. इसके तहत हांगकांग के निवासी को अपराध के सिलसिले में गिरफ्तार करने पर उसके खिलाफ मुकदमा चीन में चलाया जाएगा. यही है विरोध की मुख्य वजह.

गौरतलब है कि अक्टूबर के अंत में चीन की केंद्रीय समिति की बैठक हुई थी. बैठक में चीनी नेताओं ने हांगकांग और मकाओ जैसे विशेष प्रशानिक क्षेत्रों में राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए कानूनी प्रणाली और प्रवर्तन तंत्र को स्थापित करने और मजबूत करने का प्रस्ताव रखा गया.

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इस बैठक में चीनी अधिकारियों ने अनुच्छेद 14 ( मूल कानून) और अनुच्छेद 23 हांगकांग के वास्तिविक तथ्य संविधान की तरफ इशारा किया.

आपको बता दें कि गैरीसन लॉ के अनुच्छेद 14 में अंतर्गत स्थानीय सरकार के अनुरोध पर हांगकांग में कानून व्यवस्था बनाने रखने के लिए सैना तैनात की जाती है और अनुच्छेद 18 में कहा गया है कि हांगकांग में राष्ट्रीय कानूनों को लागू किया जा सकता है यदि चीन की औपचारिक संसद यह निर्णय लेती है कि यह क्षेत्र आपातकालीन स्थिति में है, जो राष्ट्रीय एकता या सुरक्षा को खतरे में डालता है.

Last Updated : Nov 13, 2019, 7:29 PM IST

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