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नेपाल : कोरोना नियंत्रण की सरकारी नीतियों पर सवाल, सड़कों पर उतरे आक्रोशित नागरिक - नेपाल में कोरोना संक्रमण

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच नेपाल के लोग सरकार की तैयारियों पर सवाल उठा रहे हैं. देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार कोरोना से पैदा हो रही संकट की स्थिति को नियंत्रित करे.

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कोरोना नियंत्रण की सरकार की लचर रणनीति पर उठते सवाल,

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Published : Jun 14, 2020, 9:00 AM IST

Updated : Jun 14, 2020, 11:54 AM IST

काठमांडू : नेपाल में कोरोना संक्रमण के कारण 18 लोगों की मौत हो चुकी है. देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के 4,400 से अधिक मामले एक्टिव हैं. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए भरसक प्रयास कर रही है.

हालांकि, नेपाल के लोगों में कोरोना महामारी पर काबू के लिए पीएम ओली की नीतियों को लेकर असंतोष देखा जा रहा है. कोरोना के बढ़ते प्रसार के बीच नेपाल में सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है. नारेबाजी करते आक्रोशित लोगों को हाथों में तख्तियां पकड़े सड़क पर देखा गया.

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार कोरोना महामारी की गंभीर होती जा रही स्थिति को जल्द से जल्द संभाले. काठमांडू में कोरोना से निपटने के लिए सरकार की नाकामी के खिलाफ कई समूहों ने प्रदर्शन किए.

गौरतलब है कि प्रदर्शन कर रहे लोग पीसीआर टेस्ट आरडीटी की समाप्ति, फ्रंट लाइन पर खड़े लोगों की सुरक्षा और कोरोना मरीज से भेदभाव न करने को लेकर विरोध कर रहे हैं.

गौरतलब है कि नेपाल में कोरोना संक्रमण के कुल 5,335 मामलों के साथ मौतों की संख्या 18 है. देश में 913 लोग इस बीमारी से ठीक हो गए हैं.

बता दें विरोध करने वाले लोग दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों, प्रवासियों, गरीबों और हाशिए पर रहने वाले समुदायों, बजट आवंटन और व्यय सहित सभी कोविड-19 प्रबंधन विवरण साझा कर पारदर्शिता और जवाबदेही की प्रतिबद्धता के लिए राहत उपायों की मांग कर रहे हैं.

मैटीघर मंडल में मौन प्रदर्शन का समन्वय करने वाली 2017 मिस अर्थ नेपाल नगमा श्रेष्ठा ने बताया कि भारत की ओर से नेपाल से सीमा पर आने वाले बहुत से प्रवासी कामगार हैं. मैं उन्हें प्रवासी श्रमिक नहीं कहना चाहूंगी क्योंकि वह नेपाली हैं, उन्हें नेपाल में नौकरी नहीं मिली, इसलिए वह काम करने के लिए भारत गए. वह घर वापस आ रहे हैं और मुझे लगता है कि उनकी रक्षा करना सरकार का कर्तव्य है.

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प्रदर्शनकारी भी यही मांग कर रहे हैं कि सरकार महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों में पारदर्शी हो.

एक प्रदर्शनकारी सूरज राज पांडे ने बताया कि हम सरकार से पारदर्शिता चाहते हैं. ऐसे दावे हैं कि वह इस संकट के प्रबंधन के लिए बहुत पैसा खर्च कर रहे हैं लेकिन वह इस बात का खाता विवरण नहीं दिखा रहे हैं कि पैसा कहां गया है. इसलिए हम करदाताओं और जागरूक युवाओं के रूप में मूल रूप से पैसे के बारे में सरकार से जवाबदेही के लिए पूछना चाहते हैं.

गौरतलब है कि पिछले चार दिनों में काठमांडू, पोखरा, विराटनगर, धनगढ़ी, चितवन, सुरखेत, बीरगंज, धनकुटा, भक्तपुर, बुटवल, डांग, पलपा, हेटुडा, ललितपुर में स्वतंत्र विरोध प्रदर्शन किया गया है.

पुलिस ने पहले लॉकडाउन के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले लोगों को तितर-बितर किया था.

इस बीच, सात विदेशी नागरिकों को उस क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया, जिनमें तीन चीनी, एक ऑस्ट्रेलियाई, एक कनाडाई और दो अमेरिकी नागरिक शामिल हैं. इन लोगों को हिरासत में ले लिया गया है. बता दें, उसी क्षेत्र से तीन नेपाली नागरिकों को भी गिरफ्तार किया गया है.

Last Updated : Jun 14, 2020, 11:54 AM IST

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