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पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान श्रीलंका के दौरे पर पहुंचे

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान श्रीलंका पहुंच चुके हैं. यह उनकी पहली श्रीलंका में पहली यात्रा है. खान यहां राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे के साथ बैठक करेंगे.

इमरान खान
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Published : Feb 23, 2021, 9:11 PM IST

कोलंबो :पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान श्रीलंका की अपनी पहली यात्रा पर मंगलवार को यहां पहुंचे. वह व्यापार, रक्षा और प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न मुद्दों पर श्रीलंका के शीर्ष नेतृत्व के साथ वार्ता करेंगे.

कोविड-19 महामारी के बाद खान श्रीलंका की यात्रा करने वाले पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं. खान यहां राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और अपने श्रीलंकाई समकक्ष महिंदा राजपक्षे के साथ बैठक करेंगे.

वह व्यापार, निवेश, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अलावा रक्षा और सांस्कृतिक पर्यटन पर दोनों देशों के बीच सहयोग को लेकर प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता का भी नेतृत्व करेंगे.

दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित एक संयुक्त 'व्यापार और निवेश सम्मेलन' में भी खान हिस्सा लेंगे. इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिये कई समझौतों पर हस्ताक्षर भी किये जाएंगे.

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का पदभार 2018 में संभालने के बाद खान का यह पहला श्रीलंका दौरा है.

इससे पहले, वह 1986 में श्रीलंका आए थे, जब वह पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के कप्तान थे. उस दौरान टेस्ट मैच की श्रृंखला में उन्होंने स्थानीय अंपायरों पर पक्षपात का आरोप लगाया था.

नवाज शरीफ के 2016 में श्रीलंका के दौरे के बाद यह किसी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का पहला श्रीलंका दौरा है.

खान के दौरे से पहले श्रीलंका सरकार ने उनके संसद के संयुक्त सत्र के प्रस्तावित संबोधन के कार्यक्रम को पिछले हफ्ते रद्द कर दिया था. सरकार ने ऐसा करने के पीछे कोविड-19 महामारी का हवाला दिया था.

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ऐसा कहा जाता है कि पाकिस्तानी सरकार के अनुरोध पर खान के कार्यक्रम में संसद को संबोधित करने को शामिल किया गया था. यह संबोधन 24 फरवरी को होना था.

डान अखबार ने श्रीलंकाई मीडिया की खबरों को उद्धृत करते हुए कहा कि श्रीलंकाई सरकार में कुछ ऐसे तत्व थे, जो यह नहीं चाहते थे कि यह संबोधन हो क्योंकि उन्हें डर था कि इससे भारत के साथ देश (श्रीलंका) के संबंधों को और नुकसान पहुंच सकता है जो पहले से ही कोलंबो बंदरगाह पर ईस्ट कंटेनर टर्मिनल करार के रद्द होने से तनावपूर्ण हैं.

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