ताइपे [ताइवान] :अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच, ताइवान के राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (President Tsai Ing-wen) ने कहा कि बीजिंग से खतरा 'हर दिन' बढ़ रहा है. उन्होंने इस बात की भी पुष्टि की है कि प्रशिक्षण के मकसद से अमेरिकी सैनिक ताइवान की धरती पर मौजूद हैं. सीएनएन से बात करते हुए, त्साई ने जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया सहित क्षेत्रीय लोकतांत्रिक भागीदारों से ताइवान का समर्थन करने में मदद करने का आह्वान किया.
सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में, राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन ने कहा कि चीन के दक्षिणपूर्वी तट से 200 किलोमीटर (124 मील) से भी कम दूरी पर स्थित ताइवान, लोकतंत्र का 'प्रकाशस्तंभ' (beacon) है. लोकतांत्रिक मूल्यों पर दुनिया भर में विश्वास बनाए रखने के लिए ताइवान के बचाव की आवश्यकता थी.
गौरतलब है कि ताइवान के पास सात दशकों से अधिक समय से खुद की व्यवस्था और स्व-शासन (self-governance) है. इसके बावजूद बीजिंग ताइवान पर पूर्ण संप्रभुता का दावा करता है. ताइपे ने अमेरिका सहित लोकतंत्रों के साथ रणनीतिक संबंधों को बढ़ाकर चीनी आक्रामकता का मुकाबला करना जारी रखा है.
राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन (President Tsai Ing-wen) ने ताइवान के संबंध में कहा, 'यह 23 मिलियन लोगों द्वीप है जो हर दिन खुद को बचाने और हमारे लोकतंत्र की रक्षा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है.' उन्होंने कहा कि ताइवान यह सुनिश्चित कर रहा है कि हमारे लोगों को उस तरह की आजादी मिले जिसके वे हकदार हैं.'
उन्होंने कहा कि अगर ताइवान असफल होता है, तो इसका मतलब है कि इन मूल्यों में विश्वास करने वाले लोगों को संदेह होगा कि क्या ये ऐसे मूल्य हैं जिनके लिए उन्हें लड़ना चाहिए.
बता दें कि ताइवान और मुख्य भूमि चीन में अलग-अलग शासन व्यवस्थाएं हैं. 70 साल पहले चीनी गृहयुद्ध के अंत में राष्ट्रवादी ताइवान से पीछे हट गए थे.
सीएनएन के मुताबिक ताइवान एक फलता-फूलता लोकतंत्र है, लेकिन मुख्य भूमि चीन में सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) ताइवान को अपने क्षेत्र का अविभाज्य हिस्सा मानता है. हालांकि, ताइवान पर चीन का कभी भी नियंत्रण नहीं रहा.
आज, ताइपे और बीजिंग के बीच संबंध दशकों में अपने सबसे निचले स्तर पर हैं. इस महीने की शुरुआत में, चीन की सेना ने रिकॉर्ड संख्या में युद्धक विमानों को ताइवान के आसपास हवाई क्षेत्र में भेजा, जबकि राजनयिकों और राज्य संचालित मीडिया ने संभावित आक्रमण की चेतावनी दी.