वॉशिंगटन : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) और गिलगित बल्टिस्तान के कश्मीरी नेता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व का पुरजोर समर्थन किया है.
ग्लास्गो में निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे डॉ. मिर्जा ने कहा, ''यह एक बहुत ही सराहनीय कार्य है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए रविवार को 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा की है.''
डॉ. अयूब मिर्जा ने पाकिस्तान में मौजूदा स्थिति को लेकर कहा कि पाकिस्तान में नेतृत्व की कमी और कोई राष्ट्रीय कार्य योजना नहीं होने के कारण हालात नियंत्रण से बाहर हैं.
कोविड -19 रोगियों को अलगाव के लिए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में भेजा जा रहा है, जो पूरी तरह से अस्वीकार्य है, क्योंकि यह क्षेत्र में वायरस के प्रसार को और तेज करेगा.
उन्होंने कहा कि चीन और गिलगित बल्टिस्तान के बीच की सीमा को बंद किया जाना चाहिए, क्योंकि क्षेत्र में कोरोना वायरस का प्रसार बहुत तेजी से हो रहा है.
पृथक सुविधाओं के साथ-साथ परीक्षण किटों की भी गंभीर कमी है. ओसामा नाम से गिलगित का एक युवा डॉक्टर मरीजों का इलाज करते हुए कोरोन वायरस के कारण अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहा है.
डॉ मिर्जा ने कहा कि अस्पतालों में कोरोना वायरस रोगियों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं. वहां पेयजल की व्यवस्था और उचित शौचालय की कमी है.
उन्होंने कहा, 'मौजूदा परिस्थितियों में गिलगित बल्टिस्तान और कारगिल के बीच की सीमा को खोला जाना चाहिए और हमारी मदद के लिए भारतीय डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों की एक टीम भेजी जानी चाहिए.'
कश्मीरी नेता ने कहा कि भारतीय पीएम मोदी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के नेता की हैसियत से उम्मीद के मुताबिक रचनात्मक और सहायक भूमिका निभा रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि हालांकि गिलगित-बाल्टिस्तान चीन के झिंजियांग का प्रत्यक्ष पड़ोसी है, लेकिन इसके निवासियों को ईरान जैसे पूरी तरह से अप्रत्याशित स्थान से कोरोना वायरस संक्रमण हो रहा है.
डॉ. मिर्जा ने इस बात पर जोर दिया कि चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) परियोजना को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना चाहिए.
डॉ. मिर्जा ने कहा, 'गिलगित में अब तक 21 से अधिक लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि की गई है, लेकिन वास्तविक आंकड़ा बहुत अधिक है. गिलगित बाल्टिस्तान में कोई मास्क या सेनिटाइटर उपलब्ध नहीं है. मैं लद्दाख के लोगों और भारत सरकार से हमारी मदद के लिए आने का आग्रह करता हूं.'