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राष्ट्रपति दुतेर्ते ने नोबेल शांति पुरस्कार जीतने वाली फिलीपींस की पत्रकार को दी बधाई

फिलीपींस की पत्रकार मारिया रेसा को रूस के दिमित्री मुरातोव के साथ नोबेल शांति पुरस्कार के लिए चुना गया है. मारिया रेसा को नोबेल पुरस्कार मिलना राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते के नेतृत्व के लिए तमाचा माना जा रहा था. हालांकि, राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते ने नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पत्रकार मारिया रेसा को बधाई दे दी है.

रोड्रिगो दुतेर्ते
रोड्रिगो दुतेर्ते

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Published : Oct 11, 2021, 6:42 PM IST

मनीला : फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतेर्ते (Rodrigo Duterte) के प्रशासन ने देर से ही सही लेकिन शांति के लिए नोबेल पुरस्कार जीतने वाली पत्रकार मारिया रेसा (Maria Ressa) को सोमवार बधाई दे दी. रेसा को रूस के दिमित्री मुरातोव (Dmitry Muratov) के साथ शांति के लिए नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया है. उन्हें यह पुरस्कार गंभीर खतरों के बावजूद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए उनकी लड़ाई के लिए दिया गया है.

बहरहाल, प्रशासन ने इस आलोचना को खारिज किया है कि रेसा को यह पुरस्कार मिलना दुतेर्ते के नेतृत्व के लिए तमाचा है. हालांकि रेसा राष्ट्रपति के नेतृत्व की आलोचक रही हैं.

राष्ट्रपति के प्रवक्ता हैरी रॉक ने कहा कि रेसा झूठ के सहारे बदनाम करने के लिए दोषी ठहराई जा चुकी हैं और अन्य आपराधिक आरोपों का सामना कर रही हैं, जिनके बारे में अदालतें स्वतंत्र रूप से फैसला करेंगी. उन्होंने कहा कि फिलीपींस में पत्रकारों की आवाज को नहीं दबाया जाता है.

रेसा को शुक्रवार को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया था जिसके बाद पहली बार दुतेर्ते के प्रशासन ने सार्वजनिक तौर पर टिप्पणी की है. 'रैपलर' समाचार वेबसाइट की सह-संस्थापक 58 वर्षीय रेसा को दुतेर्ते की मादक पदार्थों के खिलाफ खूनी कार्रवाई की खोजी रिपोर्टताज के लिए जाना जाता है.

रॉक ने प्रेस वार्ता के दौरान एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, 'कोई तमाचा नहीं है… क्योंकि हर कोई जानता है कि फिलीपींस में कभी किसी पर सेंसरशिप नहीं रही है.'

रॉक ने फिलिपिनो राष्ट्रीय कलाकार पुरस्कार से सम्मानित फ्रांसिस्को सियोनिल जोस के बयान का हवाला देने की कोशिश की. जोस ने एक बयान में कहा था कि रेसा नोबेल शांति पुरस्कार की हकदार नहीं हैं और फिलीपींस में प्रेस क्रियाशील है और देश में कोई लेखक न जेल में हैं और न कोई सेंसरशिप है.

जोस ने कहा कि दुतेर्ते ने कोई अखबार या रेडियो स्टेशन बंद नहीं किया है. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दुतेर्ते ने कांग्रेस पर दबाव डाला और कांग्रेस ने प्रमुख टीवी नेटवर्क एबीएस-सीबीएन के लाइसेंस का नवीनकरण नहीं किया. इससे पिछले साल वह बंद हो गया लेकिन यह प्रेस की आज़ादी का मुद्दा नहीं है.

96 वर्षीय जोस ने माना कि दुतेर्ते के शासन के स्थानीय राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों को निशाने पर लेने के बाद पत्रकारों की हत्या की गई है और ऐसा ही उनके पूर्ववर्ती के दौरान हुआ था, लेकिन इन हत्याओं के लिए दुतेर्ते को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.

उनके इस बयान की काफी आलोचना हुई है. इसके बावजूद रॉक ने कहा कि राष्ट्रपति भवन उनके विचारों से सहमत है.

नोबेल समिति ने कहा कि 2012 में रेसा द्वारा सह-संस्थापित समाचार वेबसाइट 'रैपलर' ने "नशीली दवाओं के विरुद्ध (राष्ट्रपति रोड्रिगो) दुतेर्ते शासन के विवादास्पद, जानलेवा अभियान पर आलोचनात्मक दृष्टि से ध्यान केंद्रित किया है.'

रेसा को पिछले साल झूठे आरोप के आधार पर बदनाम करने का दोषी पाया गया था और उन्हें छह साल की सजा सुनाई गई थी. मीडिया निगरानी संस्थाओं ने इसे प्रेस की आज़ादी के लिए बड़ा झटका बताया था.

यह भी पढ़ें- नोबेल शांति पुरस्कार : मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव को मिला सम्मान

मनीला की अदालत ने रेसा और 'रैपलर' के पूर्व संवाददाता रेनाल्दो सांतोस जूनियर को एक कोराबारी को बदनाम करने का दोषी पाया. एक खबर में खुफिया रिपोर्ट के हवाले से हत्या, मादक पदार्थों का सौदा, मानव तस्करी के साथ कारोबारी का संबंध बताया गया था.

कारोबारी ने आरोपों से इनकार किया और शिकायत की कि 'रैपलर' ने खबर में उनका पक्ष नहीं छापा. बहरहाल रेसा और सांतोस ने अपनी दोषसिद्धी के खिलाफ अपील की है.

(पीटीआई-भाषा)

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