वॉशिंगटन : अमेरिका में किये गये एक अध्ययन के अनुसार जिन लोगों ने फाइजर और मॉडर्ना (Pfizer and Moderna) के कोविड-19 टीकों (COVID-19 vaccines ) की खुराक ली हैं. उनमें यह बीमारी होने की संभावना 91 प्रतिशत तक कम होती है. अध्ययन के अनुसार ये टीके लोगों में लक्षणों की गंभीरता और संक्रमण अवधि को भी कम करते हैं.
यह अध्ययन 30 जून को 'न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' (New England Journal of Medicine ) में प्रकाशित हुआ है. फाइजर और मॉडर्ना के एमआरएनए टीकों में लोगों की कोशिकाओं के लिए सार्स-सीओवी -2 की स्पाइक प्रोटीन बनाने के वास्ते अनुवांशिक शक्ति होती हैं. सार्स सीओवी-2 का उपयोग वायरस मानव कोशिकाओं को संक्रमित और प्रवेश करने के लिए करता है.
अध्ययन में कहा गया है कि हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली तब स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का निर्माण करती है, और यह पता चलता है कि अगर भविष्य में हम इसका सामना करते हैं तो कोरोना वायरस से कैसे लड़ें. उताह विश्वविद्यालय, अमेरिका में एक सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के सह-लेखक सारंग यून ने कहा कि इस अध्ययन के बारे में एक अनोखी बात यह है कि इसने टीकों के दूसरे लाभों के बारे में विचार किया.
अग्रिम मोर्चे के कर्मियो, चिकित्सकों और नर्सो के बीच संक्रमण के खतरे और दरों को मापने के लिए यह अध्ययन किया गया. यून ने कहा कि ये वे लोग हैं जो दिन-प्रतिदन वायरस के संपर्क में आ रहे हैं, और टीकों ने उन्हें इस बीमारी से बचा लिया. जो लोग टीकाकरण के बावजूद दुर्भाग्य से कोविड-19 से संक्रमित हुए, वे अभी भी उन लोगों की तुलना में बेहतर थे जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है.
अध्ययन में पाया गया कि दूसरी खुराक के दो सप्ताह बाद प्रतिभागियों को ‘‘पूरी तरह से’’ टीका लगाए जाने के बाद एमआरएनए कोविड-19 टीके संक्रमण के जोखिम को कम करने में 91 प्रतिशत प्रभावी थे. अध्ययन में यह भी पाया गया कि टीके की पहली खुराक लिये जाने के दो सप्ताह बाद आंशिक टीकाकरण से संक्रमण का जोखिम कम करने में 81 प्रतिशत प्रभावी हैं.