क्वेटा (पाकिस्तान) : पाकिस्तान सरकार की आलोचक, महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ने वाली कार्यकर्ता और बलूच समुदाय की 37 वर्षीय नेता करीमा बलोच के शव को बलूचिस्तान प्रांत में स्थित उनके गांव लाकर कड़ी सुरक्षा के बीच दफनाया गया. अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी.
कनाडा में निर्वासन का जीवन जी रही करीमा की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई थी. वह पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों की मुखर आलोचक थीं और उन्हें लोगों के गायब होने तथा बलूचिस्तान प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर आवाज उठाने के लिए जाना जाता था.
टोरंटो में 22 दिसंबर को उन्हें मृत अवस्था में पाया गया था. अधिकारियों ने कहा कि करीमा को कीच क्षेत्र के टुम्प गांव में रविवार को सुपर्दे खाक करने के दौरान उनके नजदीकी रिश्तेदार मौजूद थे.
बलूच राष्ट्रवादियों द्वारा विरोध प्रदर्शन की आशंका के चलते सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई थी. करीमा के समर्थकों ने सोशल मीडिया पर दावा किया कि गांव को सील कर दिया गया था, ताकि अन्य क्षेत्रों से लोग करीमा के अंतिम दर्शन करने न पहुंच सकें.