लंदन: लंदन स्थित पाकिस्तानी राजनयिक डी-कंपनी के शीर्ष सहयोगी जाबिर मोतीवाला के अमेरिका प्रत्यर्पण को रोकने की हर कोशिश में लगे हुए हैं. वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की प्रत्यर्पण याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी राजनयिकों की तरफ से समर्थित डी-कंपनी के बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मोतीवाला गंभीर अवसाद से ग्रस्त है और वह धनशोधन, ड्रग तस्करी और अंडरवर्ल्ड के अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका जा पाने की स्थिति में नहीं है.
मोतीवाला दाऊद इब्राहिम का एक विश्वासपात्र है, जिसे अगस्त 2018 में लंदन में धनशोधन और ड्रग तस्करी के आरोपों में एफबीआई की सूचना पर गिरफ्तार किया गया था.
भारतीय एजेंसियों के करीबी सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने शुरू में आरोपी के वकील की तरफ से अदालत में एक पत्र सौंप कर यह कहते हुए प्रत्यर्पण को विफल करने की कोशिश की थी कि मोतीवाला पाकिस्तान में एक प्रसिद्ध और सम्मानित कारोबारी है.
वास्तव में पाकिस्तान को भय है कि यदि मोतीवाला को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया, तो डी-कंपनी का यह करीबी सहयोगी दाऊद इब्राहिम के अंडरवर्ल्ड नेटवर्क (करांची से संचालित) और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के बीच के पूरे गठजोड़ का खुलासा कर देगा.
अमेरिका दाऊद इब्राहिम को पहले ही एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुका है, जो एक अंतर्राष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट चलाता है और गिरोह के मार्गों को पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों के साथ साझा करता है.