इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि युद्धग्रस्त देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को 'मुक्त' नहीं कर सकता है और उन्होंने उन्हीं देशों से काबुल के साथ संबंध कायम रखने का आग्रह किया है. मीडिया में शुक्रवार को आई एक खबर में यह बात कही गई.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने अमेरिका स्थित 'न्यूजवीक' पत्रिका के लिए प्रधानमंत्री के साक्षात्कार के हवाले से बताया कि खान ने कहा कि दशकों के युद्ध का अफगानिस्तान की अर्थव्यवस्था, समाज और राजनीति पर विनाशकारी प्रभाव पड़ा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि वैश्विक समुदाय, उस देश में 20 साल के सैन्य हस्तक्षेप के बाद अफगान लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों से खुद को 'मुक्त' नहीं कर सकता है और उन्होंने उन्हीं देशों से काबुल के साथ जुड़े रहने का आग्रह किया है.
खान ने हालांकि चेतावनी दी कि अगर अफगानिस्तान के साथ और वैश्विक व क्षेत्रीय शक्तियों के बीच प्रतिद्वंद्विता बनी रहती है, तो इससे अफगानिस्तान को और अधिक पीड़ा और संघर्ष देखना पड़ सकता है.
उन्होंने कहा, 'इससे नए शरणार्थी बनेंगे, अफगानिस्तान से आतंकवाद का खतरा बढ़ेगा जो समूचे क्षेत्र को अस्थिर बनाएगा.' खान ने कहा कि पाकिस्तान नहीं चाहेगा कि अफगानिस्तान में और संघर्ष व अशांति हो.