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कराची विमान हादसा : कोरोना पर चर्चा में मशगूल थे पायलट और हो गया हादसा - accident due to Human error

पाकिस्तान के कराची में 22 मई को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के यात्री विमान के हादसे की वजह मानवीय त्रुटि थी.प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जाहिर तौर पर विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी.

Karachi plane crash
कराची विमान हादसा

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Published : Jun 24, 2020, 6:22 PM IST

कराची : पाकिस्तान के कराची में 22 मई को पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) के यात्री विमान के हादसे की वजह मानवीय त्रुटि थी. पाकिस्तान के उड्डयन मंत्री ने बुधवार को संसद में बताया कि विमान के पायलटों का ध्यान भटका हुआ था और वे उड़ान के दौरान कोरोना वायरस पर चर्चा कर रहे थे. प्राथमिक जांच रिपोर्ट में पता चला है कि दुर्घटना किसी प्रकार की तकनीकी गड़बड़ी की वजह से नहीं, बल्कि विमान के कॉकपिट चालक दल और हवाई यातायात नियंत्रण (एटीसी) की लापरवाही की वजह से हुई थी.

सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक में एविएशन डिवीजन को सौंपी गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि जाहिर तौर पर विमान में कोई तकनीकी खराबी नहीं थी.

इसमें कहा गया कि पायलट का ध्यान केंद्रित नहीं था और इसके कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

उन्होंने कहा कि पायलटों और हवाई यातायात नियंत्रण की मानवीय गलती से पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

मंत्री ने कहा कि पायलटों ने विमान की ऊंचाई के बारे में हवाई यातायात नियंत्रण के निर्देशों को नजरंदाज किया. उन्होंने कहा, 'पायलट और एटीसी दोनों ने प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया.'

उन्होंने कहा, 'पायलट पूरी उड़ान के दौरान कोरोना वायरस के बारे में चर्चा कर रहे थे. उनका ध्यान केंद्रित नहीं था. वे कोरोना वायरस के बारे में, उनके परिवारों के प्रभावित होने के बारे में बातें कर रहे थे. जब नियंत्रण टावर ने पायलट को विमान की ऊंचाई बढ़ाने के लिए कहा तो पायलट ने कहा कि वह संभाल लेगा. यह अतिआत्मविश्वास था.'

कुल आठ चालक दल के सदस्यों सहित 99 लोगों को लेकर जा रहा पीआईए का विमान पीके8303, कराची हवाई अड्डे के पास एक घनी आबादी वाले क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. यह दुर्घटना तब घटी, जब विमान उतरने का दूसरा प्रयास कर रहा था.दुर्घटना में कुल 99 में से 97 लोगों की मौत हो गई थी.

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इसके अलावा आवासीय क्षेत्रों को भी काफी नुकसान पहुंचा था.घटना के एक दिन बाद नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने अपने विमान दुर्घटना एवं जांच बोर्ड (एएआईबी) के अध्यक्ष एयर कमोडोर उस्मान गनी के नेतृत्व में एक जांच दल का गठन किया था.टीम को 22 जून को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया था.

एयर कमोडोर गनी ने सोमवार को विमानन विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में जानकारी दी. रिपोर्ट के मुताबिक, पायलट और एटीसी के अधिकारी प्राथमिक रूप से दुर्घटना के लिए जिम्मेदार हैं.

स्थानीय अखबार के अनुसार, शुरुआती जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सीएए कर्मचारी, कॉकपिट में बैठे चालक दल के सदस्य, विमान नियंत्रण टॉवर और एटीसी ने लगातार कई गलतियां की. रिपोर्ट में कहा गया कि ब्लैक बॉक्स में अभी तक तकनीकी खामी के कोई संकेत नहीं मिले हैं. इसके अलावा रिपोर्ट में कहा गया कि जब पायलट ने पहली बार विमान उतारने की कोशिश की तब ऊंचाई और गति दोनों मानक से अधिक थी.

रिपोर्ट में बताया गया है कि पहली बार विमान जब उतरने की कोशिश कर रहा था, तब इसके 9,000 मीटर लंबी हवाई पट्टी के मध्य में भूमि को स्पर्श किया. वहीं हवाई यातायात नियंत्रण कक्ष ने अधिक गति और ऊंचाई होने के बावजूद विमान को उतरने की अनुमति दी.

पायलट ने भी लैंडिंग गियर के जाम होने की सूचना नियंत्रण टावर को नहीं दी. पायलट द्वारा विमान को दोबारा उतारने की कोशिश भी गलत फैसला था. रिपोर्ट के मुताबिक, पहली बार विमान उतारने की कोशिश नाकाम होने के बाद 17 मिनट तक वह हवा में उड़ता रहा, यह बहुत अहम समय था, जब विमान के दोनों इंजन ने काम करना बंद कर दिया.

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रिपोर्ट के मुताबिक, विमान का इंजन 12 घंटे तक हवाई पट्टी पर रहा, लेकिन कर्मचारियों ने उसे नहीं हटाया और बाद में अन्य विमानों को भी वहां पर उतरने की अनुमति दे दी, जो मानक परिचालन प्रक्रिया का उल्लंघन है. हवाई यातायात नियंत्रण के कार्य में लगे कर्मचारियों को घटना के बाद छुट्टी दे देनी चाहिए लेकिन वे शाम सात बजे तक काम करते रहे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान का पहला इंजन 25 फरवरी, 2019 को लगाया गया था, जबकि इसका दूसरा इंजन 27 मई, 2019 को लगाया गया था.

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