दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

भारत की नीतियों के कारण पाक नए शरणार्थी संकट का सामना कर सकता है : इमरान खान

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस्लामाबाद में दो दिवसीय शरणार्थी सम्मेल को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की अति राष्ट्रवाद की विचारधारा बिना किसी रुकावट के चलती रही तो इससे तबाही फैल सकती है और यह क्षेत्र इसका केंद्र होगा.

इमरान खान
इमरान खान

By

Published : Feb 17, 2020, 8:48 PM IST

Updated : Mar 1, 2020, 3:58 PM IST

इस्लामाबाद : प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को चेताया कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय भारत की मौजूदा स्थिति का संज्ञान लेने में नाकाम रहता है तो पाकिस्तान एक और शरणार्थी संकट का सामना कर सकता है.

एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने खबर दी है कि राजधानी इस्लामाबाद में दो दिवसीय शरणार्थी सम्मेलन को संबोधित करते हुए खान ने कहा कि भारत की अति राष्ट्रवाद की विचारधारा बिना किसी रुकावट के चलती रही तो इससे तबाही फैल सकती है और यह क्षेत्र इसका केंद्र होगा.

शरणार्थी सम्मेलन पाकिस्तान में अफगान शरणार्थियों के आने के 40 साल पूरे होने के मौके पर हो रहा है.

अखबार ने खबर दी है कि खान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान कि भारत 11 दिन में पाकिस्तान को तबाह कर सकता है, परमाणु हथियार से संपन्न राष्ट्र के और इतनी बड़ी आबादी वाले देश के प्रधानमंत्री की ओर से दिया गया जिम्मेदाराना बयान नहीं है.

खान ने यह बयान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस की उपस्थिति में दिया. गुतारेस पाकिस्तान की यात्रा पर आए हुए हैं और उन्होंने भी इस सम्मेलन में शिरकत की है.

खान ने कहा कि हिन्दुत्व की विचारधारा की वजह से कश्मीरियों को 200 से ज्यादा दिनों से बंद किया हुआ है.

उन्होंने आरोप लगाया कि इसी विचारधारा के तहत भारत के 20 करोड़ मुसलमानों को निशाना बनाने के लिए भाजपा नीत सरकार ने दो भेदभावपूर्ण राष्ट्रवादी कानून पारित किए हैं.

खान भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा रद करने का हवाला दे रहे थे.

उन्होंने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस स्थिति का संज्ञान नहीं लेता है तो यह पाकिस्तान के लिए एक और शरणार्थी संकट पैदा कर देगा, क्योंकि भारत के मुसलमान पाकिस्तान का रुख करेंगे.

दुनिया न्यूज ने खान के हवाले से कहा कि यह जवाहरलाल नेहरू और महात्मा गांधी का भारत नहीं है. संयुक्त राष्ट्र को अपनी भूमिका निभानी चाहिए, नहीं तो यह भविष्य में एक बहुत बड़ी समस्या बन जाएगी.

भारतीय संसद ने दिसंबर 2019 में सीएए पारित किया था, जिसमें पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर प्रताड़ित किए गए गैर मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है.

ये भी पढ़ें-कश्मीर पर एर्दोआन के बयानों को लेकर भारत ने तुर्की से कड़ी आपत्ति जताई

भारत सरकार का कहना है कि सीएए भारत का अंदरूनी मामला है और इसका मकसद पड़ोसी देशों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को संरक्षण देना है.

वहीं भारत ने पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म कर दिया था. इस पर प्रतिक्रिया देता हुए पाकिस्तान ने भारत के साथ राजनयिक रिश्तों को कम कर दिया था और भारतीय उच्चायुक्त को निकाल दिया था.


Last Updated : Mar 1, 2020, 3:58 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details