लंदन: ब्रिटेन में निर्वासित पाकिस्तान के मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने कहा है कि द्वारा अनुच्छेद 370 को भारत का आंतरिक मामला है. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने यह फैसला लोगों के समर्थन से लिया और 370 को निरस्त कर दिया.
बता दें कि 65 वर्षीय हुसैन ने 1990 के दशक में शरण का अनुरोध किया और बाद में ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त की. वो पाकिस्तान की सबसे बड़ी पार्टियों में से एक (MQM)पर मजबूत पकड़ रखते हैं. विशेषकर पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी कराची पर.
शनिवार को प्रसारित एक लाइव संबोधन में हुसैन भारत सरकार के फैसले के जवाब में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) पर कब्जा करने करने के लिए पाकिस्तान को चुनौती देते नजर आ रहे हैं.
इस दौरान हुसैन ने कहा, 'यह भारत के लोगों के भारी समर्थन के साथ भारत सरकार का निर्णय था. अगर पाकिस्तान में साहस है, तो उन्हें भी पीओके को पाकिस्तान में छोड़ देना चाहिए.' उन्होंने कहा कि 370 को निरस्त करना भारत का आंतरिक मामला था.
MQM ने कराची में तीन दशकों से राजनीति में अपना वर्चस्व कायम रखा है. इसका उर्दू बोलने वाले मुहाजिरों की घनी आबादी वाले मजदूर वर्ग का बड़ा समर्थन हासिल है.यह वो लोग हैं जो 1947 में भारत छोड़ कर पाकिस्तान चले गए थे.
पाक की जनता गुमराह
गौरतलब है कि ब्रिटेन में निर्वासित होने के बाद अल्ताफ हुसैन नियमित रूप से उप-महाद्वीप में विकास पर बयान जारी करते रहते हैं. इसी कड़ी में उन्होंने अपने ताजा बयान में ने कहा कि पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य प्रतिष्ठान पिछले 72 वर्षों से कश्मीर के मुद्दे पर देश की जनता को गुमराह और धोखा दे रहे हैं.