पेशावर :उत्तर पश्चिमी पाकिस्तान में यहां के एक प्रमुख विरासत विशेषज्ञ के अनुसार विभाजन के समय पाकिस्तान छोड़ने वाले प्रसिद्ध भारतीय कलाकारों के सभी पुश्तैनी घरों को संरक्षित किया जाना चाहिए और पर्यटन स्थलों में परिवर्तित किया जाना चाहिए.
खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय सरकार ने पिछले सप्ताह यहां प्रांतीय राजधानी में बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार और राज कपूर के पैतृक घरों की खरीद को मंजूरी दी थी.
इस घटनाक्रम पर टिप्पणी करते हुए, सांस्कृतिक विरासत परिषद, खैबर पख्तूनख्वा के सचिव, शकील वहीदुल्ला ने कहा कि कार्यकर्ताओं ने यह सुनिश्चित करने के लिए 13 वर्षों तक संघर्ष किया कि इन सिल्वर स्क्रीन दिग्गजों के घरों को संरक्षित किया जाए. वहीदुल्ला ने कहा कि राष्ट्रीयता कोई मायने नहीं रखती और ऐसे घरों को पाकिस्तान में पर्यटकों के आकर्षण केन्द्रों के रूप में बदला जा सकता है.
किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित है राज कपूर का पैतृक घर
राज कपूर का पैतृक घर, जिसे कपूर हवेली कहा जाता है, किस्सा ख्वानी बाजार में स्थित है. इसे 1918 और 1922 के बीच महान अभिनेता के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने बनवाया था. राज कपूर और उनके चाचा त्रिलोक कपूर का जन्म यहीं हुआ था. इसे प्रांतीय सरकार द्वारा राष्ट्रीय विरासत घोषित किया गया है.
जर्जर अवस्था में है दिलीप कुमार का पुश्तैनी घर