नई दिल्ली: पाकिस्तान आतंकवाद के वित्तपोषण और मनी लांडरिंग के खिलाफ निगरानी करने वाले बहुपक्षीय वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा तय 27 बिंदुओं में 25 पर कार्रवाई पूरा करने में विफल रहा है.
आपको बता दें कि आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद तथा सहयोगी संगठनों जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के वित्तपोषण पर अंकुश के लिए पाकिस्तान को कार्रवाई करनी थी, लेकिन इसके लिए वह ज्यादातर तय बिंदुओं पर कार्रवाई करने में वह विफल रहा है.
इससे अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्वबैंक और यूरोपीय संघ द्वारा पाकिस्तान की वित्तीय साख को आगे और भी नीचे की श्रेणी में डाल सकते हैं. ऐसे में पहले से वित्तीय संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की स्थिति और खराब हो सकती है.
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पेरिस मुख्यालय वाले एफएटीएफ ने पाकिस्तान से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उसने मूल रूप से आतंवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर के सहयोगी
संगठनों जमात-उद-दावा तथा फलाह-ए-इंसानियत द्वारा से शुरू किए गए स्कूलों, मदरसों, क्लिनिक और एंबुलेंस सेवाओं को चलाने के लिए 70 लाख डॉलर की धन राशि के आवंटन की कोई जांच शुरू की है.