इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने अमेरिका समेत कुछ देशों द्वारा मलेरिया रोधी दवा का इस्तेमाल कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए किए जाने के बाद इसके निर्यात पर पाबंदी लगा दी है. मीडिया में आई खबरों में यह जानकारी दी गई है.
देश में कोरोना वायरस के मामलों के बढ़ने के बीच वाणिज्य मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी की गई अधिसूचना के मुताबिक कोविड-19 पर राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसी) जब तक उचित समझेगी यह प्रतिबंध जारी रहेगा.
पाकिस्तान में शुक्रवार को कोरोना वायरस के 190 नए मामले सामने आए और देश में संक्रमण के मरीजों की संख्या बढ़कर 4,788 हो गई. देश में महामारी के कारण अब तक 71 लोगों की जान जा चुकी है. इस बीमारी से अब तक देश में 762 लोग ठीक हो चुके हैं जबकि 50 की हालत अभी गंभीर बनी हुई है. एक हफ्ते के अंदर यह दूसरा मौका है जब पाकिस्तान सरकार ने मलेरिया रोधी दवा के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है.
बीते एक पखवाड़े में मलेरिया रोधी दवाओं खासकर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की अंतरराष्ट्रीय मांग में खासा इजाफा हुआ है. अमेरिका के खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की पहचान कोरोना वायरस के संभावित इलाज के तौर पर की है.
एक अखबार के मुताबिक पाकिस्तान में इस बात को लेकर पाकिस्तान में भ्रम है कि कौन सा विभाग- वाणिज्य डिवीजन या राष्ट्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय- दवाओं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के लिए अधिकृत है. पूर्व में वाणिज्य डिवीजन ने पाकिस्तान के औषधि नियामक प्राधिकरण के उस पत्र को 'अनुचित' बताया गया था, जिसमें मास्क के आयात पर प्रतिबंध की बात थी.