नई दिल्ली : फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा काली सूची में डाले जाने की आशंका के मद्देनजर हताश पाकिस्तान ने पुरानी चाल चलते हुए वैश्विक निगरानी संस्था को गुमराह करना शुरू कर दिया है. पाक ने हाल ही में आतंकी समूहों के खिलाफ कार्रवाई करने जैसी झूठी कहानी रची है.
पाकिस्तान के आतंकवाद-रोधी विभाग (सीटीडी) ने कहा कि उसने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख हाफिज सईद के चार सहयोगियों को पाकिस्तानी आतंकवादी एजेंसियों के अधिकारियों के खिलाफ एक आतंकी साजिश रचने के सिलसिले में गिरफ्तार किया है.
उससे पहले, सीटीडी ने भारत में कई हमलों के लिए जिम्मेदार संगठन जेयूडी से जुड़े दो आतंकवादियों को गिरफ्तार करने का दावा किया था.
विश्लेषकों का मानना है कि पेरिस में एफएटीएफ प्लेनरी की बैठक से कुछ ही दिन पहले पाकिस्तान द्वारा सामने लाई गई ये बात मनगढंत है, क्योंकि इसने पहले भी विश्व समुदाय को गुमराह करने के लिए वह इस तरह की चाल चल चुका है.
छह दिवसीय बैठक के दौरान, एफएटीएफ इस बात की समीक्षा करेगा कि पाकिस्तान ने आतंकी फंडिंग और धन शोधन (मनी लॉन्डरिंग) पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त काम किया है या नहीं जैसा कि उसे करने के लिए कहा गया था.
अनिवार्य मानकों को पूरा नहीं करने के लिए एफएटीएफ ने पाकिस्तान को पहले ही 'ग्रे लिस्ट' में रखा है और अगर इन अनिवार्य कदमों का अनुपालन नहीं किया गया तो देश को ब्लैक लिस्ट में डाल दिए जाने का खतरा है.
अगर 'ब्लैक लिस्ट' में रखा जाता है, तो विश्व बैंक और आईएमएफ जैसे अंतरार्ष्ट्रीय वित्तीय संगठनों द्वारा पाकिस्तान को सहायता और कर्ज से वंचित कर दिया जाएगा.
पढ़ें-FATF की बैठक : बढ़ सकती हैं पाकिस्तान की मुश्किलें, हो सकता है ब्लैक लिस्ट