इस्लामाबाद : पाकिस्तान के विदेश मंत्री (pakistan's Foreign Minister) शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान को अकेले नहीं छोड़ने की चेतावनी देते हुए कहा कि अतीत की गलतियों को दोहराने और युद्धग्रस्त देश के आर्थिक पतन (economic collapse) के गंभीर परिणाम होंगे.
द्विपक्षीय मुद्दों (bilateral issues) और क्षेत्रीय स्थितियों पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए अपने जर्मन समकक्ष हेइको मास (Heiko Maas) के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह अफगानिस्तान के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण (pivotal moment in Afghanistan's history) है.
कुरैशी ने कहा, 'अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इंगेज रहना चाहिए, मानवीय सहायता प्रवाहित होनी चाहिए, अफगानिस्तान में आर्थिक पतन न होने दें.'
उन्होंने अतीत की गलतियों को दोहराने के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा कि अफगानिस्तान को छोड़ना कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि इसके गंभीर परिणाम होंग
कुरैशी ने कहा कि अफगानिस्तान में स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय का सहयोग जरूरी है और जर्मन विदेश मंत्री (German foreign minister) स्थिति का आकलन करने और अफगानिस्तान में रहने के महत्व को समझने के लिए बेहतर स्थिति में होंगे.
उन्होंने कहा कि यह आपको एक बहुत अच्छा समग्र दृष्टिकोण देगा कि चुनौतियां क्या हैं, चिंताएं क्या हैं, अवसर क्या हैं और आने वाले दिनों में क्या करने की आवश्यकता है.
कुरैशी ने दुनिया से अफगानिस्तान में बिगाड़ने वालों की भूमिका के बारे में सतर्क रहने का आग्रह किया. अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को शांति के लिए खड़े लोगों और बिगाड़ने वालों के बीच अंतर करना होगा.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दशकों से 30 लाख से अधिक अफगान शरणार्थियों की मेजबानी कर रहा है और उन्होंने अफगानिस्तान में एक ऐसा माहौल बनाने की जरूरत पर जोर दिया, ताकि फिर से पलायन की जरूरत न पड़े.
गनी सरकार के पतन पर टिप्पणी करते हुए कुरैशी ने कहा कि वे अफगानिस्तान की वास्तविक स्थिति पर सच नहीं बोल रहे हैं.