इस्लामाबाद : पाकिस्तान में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए सरकार को उलेमा को समझाने और मनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. कई प्रभावशाली उलेमा ने साफ कर दिया है कि पवित्र रमजान के महीने में मस्जिदों में सामूहिक नमाज होकर रहेगी. इस मुद्दे पर देश के कई विख्यात उलेमा, धार्मिक विद्वानों की राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के साथ बैठक हुई जिसमें रमजान के लिए 20 सूत्री कार्ययोजना पर सहमति बनी.
राष्ट्रपति अलवी ने शनिवार को बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी प्रेस कांफ्रेंस में दी. उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में मस्जिदों को खोला जाएगा. उन बीस तौर-तरीकों पर सहमति बन गई है जिनका पालन रमजान के महीने में मस्जिदों और लोगों को करना होगा.
अभी कोरना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए जरूरी सोशल डिस्टैंसिंग को बनाए रखने के लिए मस्जिदों को सामूहिक नमाजों के लिए बंद रखा गया है. मस्जिद में अधिकतम पांच लोगों के ही होने की इजाजत दी गई है. लेकिन, उलेमा ने साफ कर दिया था कि यह पाबंदी रमजान में अस्वीकार्य है. उन्होंने कहा कि अन्य नमाजों के साथ-साथ रमजान में पढ़ी जाने वाली विशेष तरावीह नमाज को भी मस्जिदों में अदा किया जाएगा.
इस एलान के बाद राष्ट्रपति और धार्मिक नेताओं की बैठक हुई जिसमें सरकार को मस्जिदों में सामूहिक नमाज की इजाजत देनी पड़ी लेकिन इसके लिए बीस शर्ते लगाई गईं.