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सिंगापुर के विशेषज्ञों को 2022 में 'ओमीक्रोन' के सबसे अधिक मामले सामने आने की आशंका - singapore experts

सिंगापुर के विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के नए एवं अधिक संक्रामक स्वरूप 'ओमीक्रोन' के 2022 में सबसे अधिक मामले सामने आ सकते हैं. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...

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कोरोना वायरस (प्रतीकात्मक फोटो)

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Published : Dec 24, 2021, 5:12 PM IST

सिंगापुर : कोरोना वायरस के नए एवं अधिक संक्रामक स्वरूप 'ओमीक्रोन' के 2022 में सबसे अधिक मामले सामने आ सकते हैं. वहीं, वायरस के 'डेल्टा' स्वरूप की तुलना में यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक मात दे रहा है. सिंगापुर के विशेषज्ञों का ऐसा मानना है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 वैश्विक महामारी को अगले साल खत्म करने के लिए विश्व से एक साथ आने का आह्वान किया है. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक तेद्रोस अदहानोम ग्रेबेयेसस ने सोमवार को जिनेवा में पत्रकारों से कहा था, '2022 वह वर्ष होगा, जब हम वैश्विक महामारी को पूरी तरह खत्म कर देंगे.'

इसके विपरीत, सिंगापुर के विशेषज्ञों का कहना है कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि 'ओमीक्रोन' स्वरूप कितना खतरनाक है. साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कब खत्म होगी, इसका पूर्वानुमान लगाने की कोशिश करना 'निरर्थक' है.

ये भी पढ़ें - ओमीक्रोन का खतरा, ऑस्ट्रेलिया ने बूस्टर डोज का अंतराल कम किया

जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ एवं एसोसिएट प्रोफेसर नताशा हॉवर्ड ने कहा, 'ऐसा प्रतीत होता है कि 2022 में विश्व में 'ओमीक्रोन' स्वरूप के सबसे अधिक मामले सामने आएंगे.' उन्होंने कहा कि 'ओमीक्रोन' स्वरूप अधिक संक्रामक है और 'डेल्टा' स्वरूप की तुलना में यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को अधिक मात दे रहा है.

हॉवर्ड ने कहा, 'ओमीक्रोन' के अधिक फैलने से, संक्रमण के मामले और अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ सकती है. इसके प्रभाव अब भी स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन इससे पता चलता है कि वैश्विक महामारी पर अभी तक काबू नहीं पाया गया है और कोविड-19 रोधी टीके लगवाने तथा उसकी 'बूस्टर' खुराक के विश्व में हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचने तक, नए स्वरूपों के सामने आने की आशंका बनी रहेगी.'

इस बीच, सिंगापुर में बृहस्पतिवार को कोविड-19 के 322 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 2,77,042 हो गए. इन 322 नए मामलों में से 89 लोग ऐसे हैं जो दूसरे देशों से यहां आए हैं. वहीं, दो और मरीजों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 820 हो गई.

(पीटीआई-भाषा)

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