ताइपे : पेंग शुआई (Peng shui) की तरह ही प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप (Professor accused of sexual harassment) लगाने वाली महिला का सार्वजनिक रूप से साथ देने वाली हुआंग शुएकि्वन (Huang Shueiquan) को सितंबर में गिरफ्तार कर लिया गया था.
चीन में यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराने में एक महिला की मदद करने वाली वांग जियानबिंग को भी हिरासत में ले लिया गया. इनकी तरह कई अन्य महिला अधिकार कार्यकर्ता हैं, जिन्हें सोशल मीडिया मंच पर प्रताड़ित किया गया, जिनमें से कुछ ने परेशान होकर अपने अकाउंट भी बंद कर दिए हैं.
चीन की टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई के पूर्व उप प्रधानमंत्री झांग गाओली (Former Deputy Prime Minister Zhang Gaoli) पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद गायब हो जाने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस घटना की काफी निंदा की गई थी. हालांकि लगभग तीन सप्ताह बाद शुआई अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee) के अध्यक्ष थॉमस बाक के साथ एक वीडियो कॉल में नजर आईं.
हुआंग शुएक्विन (Huang Shueiquan) ने 2018 में चीन में मीटू अभियान की शुरुआत की थी, जिससे सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर बात की गई और पहली बार यौन उत्पीड़न को परिभाषित करने के लिए नागरिक संहिता स्थापित करने सहित कई उपाय किए गए.
हालांकि इसे चीन के अधिकारियों के कठोर विरोध का सामना भी करना पड़ा, जिसने तुरंत ही सोशल मीडिया अभियान को ठप कर दिया क्योंकि उसे डर था कि इससे सत्ता में उनकी पकड़ को चुनौती मिल सकती है. सर्वाजनिक पटल पर किन मुद्दों को रखा जाना चाहिए, इसके खिलाफ अभियान इस साल और तेज हो गया है.
अमेरिका में रहने वाली कार्यकर्ता लू पिन (Worker lu pin) ने कहा कि वे खुलेआम महिलाओं को उनके कानूनी अधिकारों से वंचित कर रहे हैं. पिन अब भी चीन में महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रही हैं. चीन के अधिकारियों के लिए मीटू अभियान और महिलाओं के अधिकारों (MeToo campaign and women's rights) पर सक्रियता कितनी खतरनाक है, इसका पता इस बात से चलता है कि उन्होंने कई कार्यकर्ताओं को विदेशी हस्तक्षेप का साधन बता निशाना बनाया है.