काठमांडू : याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों, दोनों ने ही सदन को भंग किये जाने के मामले में शीर्ष न्यायालय की संविधान पीठ के समक्ष अपनी-अपनी दलीलें पूरी कर ली. चार न्याय मित्रों ने भी सोमवार को मामले पर अपने विचार प्रस्तुत किए. न्यायालय सूत्रों के मुताबिक शीर्ष न्यायालय द्वारा 12 जुलाई को फैसला सुनाए जाने की संभावना है.
प्रधान न्यायाधीश शमशेर राणा की अध्यक्षता वाली एक संविधान पीठ एक महीने से अधिक समय से मामले की सुनवाई कर रही है. पीठ में चार अन्य न्यायाधीश भी शामिल हैं. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की सिफारिश पर राष्ट्रपति ने पांच महीने में दूसरी बार संसद के निचले सदन को 22 मई को भंग कर दिया था और 12 नवंबर तक 19 नवंबर को मध्यावधि चुनाव कराने की घोषणा की थी.