दिल्ली

delhi

ETV Bharat / international

नेपाल संकट : पीएम ओली और प्रचंड के बीच छह दिन बाद फिर बातचीत

सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी के सह अध्यक्ष और प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के बीच फिर से बातचीत हुई है. यह बातचीत शुक्रवार को होने वाली बैठक में ओली के राजनीतिक भविष्य को निर्धारित करेगी. वहीं प्रचंड ने कहा है कि वह पार्टी को किसी भी कीमत पर विभाजित नहीं होने देंगे. बता दें कि भारत के तीन हिस्सों को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद दोनों नेताओं के बीच में मतभेद बढ़ गए हैं.

Nepal PM Oli Prachanda
नेपाली पीएम और प्रचंड

By

Published : Jul 14, 2020, 4:22 PM IST

Updated : Jul 14, 2020, 7:07 PM IST

काठमांडू : नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और सत्तारूढ कम्युनिस्ट पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' के बीच छह दिन बाद फिर बातचीत हुई है. उनकी यह बातचीत पार्टी के दो गुटों के बीच बढ़ते मतभेद दूर करने के लिए है.

काठमांडू पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रचंड के प्रेस सलाहकार ने कहा कि दो कुर्सियों (नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की) ने आज से फिर चर्चा शुरू की है. बता दें कि पिछली बार बुधवार को दोनों नेताओं की आमने-सामने वार्ता हुई थी.

यह वार्ता शुक्रवार को होने वाली महत्वपूर्ण स्थाई समिति की बैठक से पहले हो रही है, जिसमें प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के राजनीतिक भविष्य के निर्धारण की उम्मीद है, जिन्होंने पहले आरोप लगाया था कि उनके लोग उन्हें भारत की मदद से हटाने की कोशिश कर रहे थे.

पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष दहल ने कहा कि प्रमुख बैठक हो रही है. उन्होंने कहा कि वह पार्टी को विभाजित नहीं होने देंगे. इसकी एकता को कमजोर करने का कोई भी प्रयास कोरोना वायरस महामारी और प्राकृतिक आपदाओं के खिलाफ लड़ाई को प्रभावित करेगा.

पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड ने रविवार को अपने गृहनगर चितवन में पार्टी के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि वह पार्टी की एकता को बरकरार रखने के लिए दृढ़ हैं क्योंकि एक बड़ी पार्टी में मतभेद, विवाद और बहस होना स्वाभाविक है.

पढ़ें :नेपाल के गृह मंत्री ने कहा- भारत के हस्तक्षेप की वजह से आई बाढ़

'प्रचंड' सहित पार्टी के शीर्ष नेता प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. इस दौरान वे कह रहे हैं कि उनकी हालिया भारत विरोधी टिप्पणी 'न तो राजनीतिक रूप से सही है और न ही राजनयिक रूप से उचित है.'

ओली ने कहा कि उनकी सरकार ने तीन भारतीय क्षेत्रों को अपने नक्शे में शामिल करने के बाद एक नया राजनीतिक मानचित्र जारी किया है, जिसके बाद सत्ताधारी पार्टी के कुछ नेता दक्षिणी पड़ोसी के साथ गठबंधन कर रहे हैं ताकि उन्हें सत्ता से हटाया जा सके.

ओली और प्रचंड, जिन्होंने हाल के दिनों में एक-के-बाद-एक दर्जन से अधिक बैठकें की हैं, अब शक्ति साझाकरण सौदे के करीब नहीं हैं.

ओली के राजनीतिक भविष्य का फैसला करने के लिए शुक्रवार को नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की 45 सदस्यीय शक्तिशाली स्थायी समिति की बैठक को आखिरी समय में बाढ़ और भूस्खलन का हवाला देते हुए स्थगित कर दिया गया था. बता दें कि इस बाढ़ और भूस्खलन में कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई.

इस्तीफे के बढ़ते दबाव के तहत, प्रधानमंत्री ओली ने पार्टी की आंतरिक दरार को कम कर दिया और कहा कि ऐसे विवाद नियमित घटना हैं, जिन्हें बातचीत के माध्यम से हल किया जा सकता है.

पढ़ें :ओली पर भड़की कांग्रेस, बताया 'चीनी कठपुतली,' अयोध्या में भी रोष

पार्टी के एक गुट का नेतृत्व ओली ने किया और दूसरा मोर्चा सत्ता-साझाकरण के मुद्दे पर प्रचंड की अगुआई में खुला. इसके बाद प्रधानमंत्री ने संसद के बजट सत्र को एकतरफा बनाने का फैसला किया.

Last Updated : Jul 14, 2020, 7:07 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details