काठमांडू : नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्यावली ने चेतावनी देते हुए कहा कि उनका देश बढ़ते वैश्विक तापमान की तपिश महसूस कर रहा है.
उन्होंने कहा कि इसकी वजह से हिमालय के हिंदूकुश इलाके में बर्फ पिघल रही है और ग्लेशियर सिकुड़ रहे हैं जो 24 करोड़ लोगों को पानी और पारिस्थितिकी सुविधाएं मुहैया कराते हैं और सामान्य रवैया अपनाने से नजदीक आ रही आपदा से नहीं निपटा जा सकता है.
उन्होंने कहा कि नेपाल में प्रतिकूल मौसम की घटनाएं बढ़ रही हैं. उन्होंने रेखांकित किया कि पिछले साल मार्च में नेपाल में पहली बार टॉरनाडो (बवंडर) आया जिसमें 31 लोगों की मौत हो गई.
भारतीय पत्रकारों के समूह से बातचीत में ग्यावली ने कहा, 'नेपाल के जलविज्ञान विज्ञान विभाग ने शोध किया और स्थापित किया कि देश में टॉरनाडो का सीधा संबंध वैश्विक तापमान में वृद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) से है.'
पढ़ें : विश्व जलवायु विज्ञान में खो रहा विश्वास, भारतीयों को सर्वाधिक विश्वास: डब्ल्यूईएफ सर्वेक्षण
उन्होंने कहा, 'जलवायु में बदलाव से सबसे अधिक उन लोगों और समाज को नुकसान होता है जिन्होंने सबसे कम इसमें योगदान दिया है। नेपाल भी ऐसे ही देशों में है.'
ग्यावली ने कहा, 'नेपाल वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में मात्र 0.27 प्रतिशत का योगदान करता है और 45 प्रतिशत क्षेत्र में वन होने के बावजूद देश जलवायु परिवर्तन के खतरों से सबसे अधिक असुरक्षित है.'