काठमांडू : भगवान राम और अयोध्या को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की टिप्पणी की चौतरफा निंदा हुई. इसको लेकर नेपाल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि प्रधानमंत्री केवल 'आगे के अध्ययन के महत्व पर प्रकाश डाल रहे थे'. उनकी टिप्पणी 'अयोध्या के महत्व और इसके सांस्कृतिक मूल्यों पर बहस करने के लिए नहीं थी.'
इस विवादित बयान पर पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि नेपाल के प्रधानमंत्री ओली का दिमागी संतुलन बिगड़ गया है या उनका दिमागी संतुलन कमजोर हो गया है, या फिर चीन के चांदी के सिक्कों की खनक ने उन्हें अंधा कर दिया है.
उन्हें पद से हटाए जाने का डर है, उनको निकालने की तैयारियां हो रही हैं. इस भय में आकर वो चीन के हाथों खेल रहे हैं. उनका यह बयान सोची समझी साजिश है और भारत में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए ऐसा बयान दिया है. भगवान राम एक विश्वास हैं, एक फेथ हैं, एक अकीदा हैं, एक यकीन हैं, उन्हें करोड़ों लोग मानते हैं. भारत में सभी धर्म के लोग मानते हैं. भगवान राम अयोध्या में पैदा हुए थे, वही उनका असली घर है.
ओली का बयान चिंता व खेदजनक है, ओली चीन के हाथों में खेलकर जो कर रहे हैं, इसके परिणाम बहुत भयानक होंगे. कुरैशी ने कहा कि मेरी सभी से अपील है, खासतौर से नेपाल के लोगों से ओली के इस बयान की निंदा करें. भगवान राम जो हमारे वजूद हैं, एक बुनियाद हैं, उनका जो मंदिर बनाया जा रहा है, उसको समर्थन हासिल है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भगवान राम का वजूद काबिले इज्जत कायम रहेगा.
वहीं नेपाल सरकार ने प्रधानमंत्री के बयान के बचाव में सफाई पेश की और कहा कि प्रधानमंत्री ओली के बयान 'किसी भी राजनीतिक विषय से जुड़े नहीं थे' और उनका इरादा किसी भी तरह से किसी की भावनाओं को 'आहत' करने का नहीं था.
ओली ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी में कहा था कि भगवान राम बीरगंज के पास ठोरी में पैदा हुए थे और असली अयोध्या नेपाल में है. नेपाल के विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं ने ओली की इस टिप्पणी की कड़ी निंदा की और इसे 'निरर्थक तथा अनुचित' करार दिया. उन्होंने ओली से अपना विवादित बयान वापस लेने की मांग की.
विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को जारी बयान में स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री का इरादा किसी की भावनाएं आहत करने का नहीं था. बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि उनकी टिप्पणी 'अयोध्या के महत्व और इसके सांस्कृतिक मूल्यों पर बहस करने के लिए नहीं थी.'
इससे पहले, पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टरई ने ट्वीट किया, 'ओली के बयान ने सारी हदें पार कर दी हैं. अतिवाद से केवल परेशानी उत्पन्न होती है.' उन्होंने ओली पर व्यंग्य करते हुए कहा, 'अब प्रधानमंत्री ओली से कलियुग की नई रामायण सुनने की उम्मीद करें.'