काबुल :अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राष्ट्रीय सुलह के लिए एक परिषद का गठन किया है जो कि अंतिम तौर पर यह बताएगी कि क्या सरकार तालिबान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करेगी अथवा नहीं? जिसके बाद विद्रोहियों के साथ लंबी और अनिश्चित सौदेबाजी वाली वार्ता होने की उम्मीद है.
युद्धग्रस्त अफगानिस्तान का भविष्य तय करने के लिए फरवरी में हस्ताक्षरित अमेरिका-तालिबान शांति समझौते के तहत वार्ता की परिकल्पना की गई थी. हालांकि, शुरुआत में इसमें काफी रुकावटें भी सामने आई थीं.
अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने शनिवार को 46 सदस्यीय परिषद का गठन करने का आदेश जारी किया, जिसका नेतृत्व पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में उनके प्रतिद्वंद्वी रहे अब्दुल्ला अब्दुल्ला करेंगे. अब्दुल्ला वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री हैं.