नई दिल्ली/मॉस्को : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ रूस की राजधानी मॉस्को में बैठक करेंगे. यह बैठक आज शाम छह बजे होगी. इसमें दोनों देशों के बीच जारी सीमा गतिरोध पर चर्चा किए जाने की संभावना है. वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच फिर से आमना-सामना होने के बाद यह वार्ता होगी.
जयशंकर और वांग के बीच द्विपक्षीय वार्ता में पूर्वी लद्दाख में तनाव घटाने के लिए कोई महत्वपूर्ण सफलता हासिल करने पर मुख्य रूप से ध्यान दिए जाने की उम्मीद है. हालांकि, निश्चिंतता के साथ कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
सूत्रों ने बताया कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति 'तनावपूर्ण' बनी हुई है और चीनी 'पीपुल्स लिबरेशन आर्मी' (पीएलए) के 30-40 सैनिक पूर्वी लद्दाख में रेजांग-ला रीजलाइन में एक भारतीय चौकी के नजदीक एक स्थान पर जमे हुए हैं.
उल्लेखनीय है कि 45 साल बाद चीनी सेना ने उकसावे की कार्रवाई के तहत एलएसी पर कई राउंड की फायरिंग की. इसके बावजूद भारतीय सैनिकों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया. चीनी सैनिक रॉड, बर्छा, भाला जैसे हथियार लेकर आए थे.
इस ताजा घटना को 1975 में हुई गोलीबारी की घटना जैसा गंभीर माना जा रहा है. 1996 और 2005 में हुए समझौते के प्रावधानों के मुताबिक दोनों पक्ष किसी टकराव के दौरान बंदूकों का इस्तेमाल नहीं करेंगे. फिर भी चीन ने इसका उल्लंघन किया.
बुधवार को भारत और चीन की थल सेनाओं के कमांडरों ने पूर्वी लद्दाख में मुलाकात की. उन्होंने सीमा पर तनाव और अधिक बढ़ने से रोकने के तरीके तलाशने को लेकर 'हॉटलाइन' पर संदेशों का आदान-प्रदान भी किया. इस वार्ता में भी कोई उल्लेखनीय प्रगति नहीं हुई.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष जनरल वेई फेंगही के बीच एससीओ बैठक से अलग मास्को में पिछले शुक्रवार को बैठक हुइ थी. लेकिन उसमें कोई ठोस नतीजा नहीं निकला.