इस्लामाबाद : पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद स्थित लाल मस्जिद के मौलवी के पद से हटाये गए मौलाना अब्दुल अजीज सरकारी मस्जिद पर काबिज हो गए हैं और मस्जिद का मौलवी होने का दावा कर रहे हैं.
मौलाना अजीज को 2004 में अदालत के आदेश पर पद से हटा दिया गया था. अजीज ने सेना द्वारा वजीरिस्तान में आतंकवादियों के विरुद्ध चलाए गए अभियान के खिलाफ एक फतवा जारी किया था, जिसके बाद अदालत ने उनके खिलाफ यह आदेश दिया था.
यद्यपि 2009 में जेल से रिहा होने के बाद अजीज को मौलवी के तौर पर बहाल कर दिया गया था. हालांकि अजीज ने 2014 में तब एक और विवाद खड़ा कर दिया था, जब उन्होंने पेशावर में आर्मी पब्लिक स्कूल के हमलावरों का खुलेआम समर्थन कर दिया था और उसे आतंकवादियों का एक प्रतिक्रियात्मक कदम बताया था.
बता दें कि लाल मस्जिद एक सरकारी मस्जिद है और मौलाना अजीज के पिता मौलाना अब्दुल्ला उसके पहले मौलवी थे. मौलाना अब्दुल्ला की 1990 के दशक में हत्या के बाद मौलाना अजीज को इस्लामाबाद राजधानी क्षेत्र (आईसीटी) का मौलवी नियुक्त किया गया था.
अखबार 'डान' की एक खबर में कहा गया, ऐसे प्रतीत होता है कि मौलाना अजीज स्थिति का फायदा उठा रहे हैं. जब प्राधिकारी अन्य मुद्दों में व्यस्त हैं तथा आईसीटी प्रशासन की नमाज पढ़ाने वाला या एक डिप्टी अधिसूचित करने में शिथिलता के चलते मौलाना अजीज ने कुछ हफ्ते पहले मस्जिद में फिर से प्रवेश कर लिया.