इस्लामाबादः पाकिस्तान में मीडिया सेंसरशिप की एक और घटना सामने आई है. पाकिस्तान के एक न्यूज़ चैनल में विपक्ष की नेता मरियम नवाज का एक इंटरव्यू प्रसारित होने के कुछ देर बाद ही प्रसारण से हटा दिया गया.
इससे पहले 1 जुलाई को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री आसिफ अली जरदारी का देश के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर को दिए गये इंटरव्यू को जियो न्यूज ने प्रसारण के कुछ ही देर बाद रोक दिया था.
प्रसारण से वापस लिया गया मरियम का इंटरव्यू बता दें कि मरियमपाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) पार्टी से निर्वाचित नेता हैं. उनके इंटरव्यू को रोकने के संबंध में पत्रकार नदीम मलिक ने ट्वीट किया. मलिक ने लिखा कि मरियम के इंटरव्यू के लाइव प्रसारण को दबाव के कारण कुछ ही देर बाद रोक दिया गया. हालांकि यह इंटरव्यू पत्रकार नदीम मलिक के ट्विटर पर उपलब्ध है.
समाचार चैनल बंद के होने के बाद अपने ट्विटर पर चैनल की ओर से एक बयान पोस्ट किया. इसमें कहा गया कि 'हम न्यूज़' स्वतंत्र और जिम्मेदार मीडिया में विश्वास करता है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करना हमारे मूल्यों में से एक है. हम अपने नैतिक मूल्यों की संरक्षण के लिए और न्यायपालिका, संविधान की गरिमा, सम्मान के लिए हर समय खड़े हैं.
मरियम के प्रेस कांफ्रेंस के बाद पाकिस्तान के तीन समाचार चैनल, चैनल-24, अब तक, कैपिटल टी.वी ने इसे प्रसारित किया. समाचार चैनल ने पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक प्राधिकरण के आदेश पर प्रसारण रोक दिया था. मरियम ने इस घटना को 'अविश्वसनीय फासीवाद' और 'शर्मनाक' बताया है.
बता दें कि बीते 6 जुलाई को मरियम ने एक वीडियो जारी कर न्यायाधीश अरशद मलिक पर गंभीर आरोप लगाए थे. मरियम ने कहा था पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ़ के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं होने के बाद भी सजा सुनाई गई.
मरियम ने कहा कि न्यायाधीश मलिक ने वीडियो में स्पष्ट रूप से यह कहा था कि शरीफ के खिलाफ धन शोधन, दलाली या कोई अन्य गलत वित्तीय लेनदेन मामले में कोई सबूत नहीं है लेकिन उन्होंने 'उन्हें (शरीफ) को जेल भेजने के आदेश देने पड़े जिसके लिए मैं पश्चाताप कर रहा हूं.' हालांकि, न्यायाधीश अरशद मलिक ने मरियम के आरोपों का खंडन भी किया था.
नवाज शरीफ अल अजीजिया स्टील मिल मामले में भ्रष्टाचार के दोषी ठहराए जाने के बाद 24 दिसंबर 2018 से कोट लखपत जेल में बंद हैं. उन्हें इस मामले में सात साल के कारावास की सजा सुनाई गई है.