मॉस्को : फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों (French President Emmanuel Macron) यूक्रेन के आसपास मौजूद तनाव को कम करने के लिए मॉस्को में वार्ता करेंगे. यूक्रेन के पास लगभग एक लाख रूसी बलों की तैनाती ने पश्चिमी देशों की चिंताएं बढ़ा दी हैं, जो इसे संभावित आक्रमण की शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं.
हालांकि, रूस ने अपने पड़ोसी देश पर हमले की किसी भी योजना से इनकार किया है, लेकिन वह अमेरिका और उसके सहयोगियों पर यूक्रेन या किसी अन्य पूर्व-सोवियत देश को नाटो में शामिल होने से रोकने का दबाव बना रहा है. रूस ने क्षेत्र में हथियारों की तैनाती रोकने और पूर्वी यूरोप से नाटो बलों को वापस बुलाने की भी मांग की है. अमेरिका और नाटो ने रूस की मांगों को खारिज कर दिया है.
मैक्रों मंगलवार को यूक्रेन के दौरे पर रवाना होने से पहले क्रेमलिन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे. फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने बीते हफ्ते कहा था कि 'रूस से वार्ता करना और क्षेत्र में तनाव में कमी लाना' उनकी प्राथमिकता है.
मॉस्को जाने से पहले मैक्रों ने रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बातचीत की थी. व्हाइट हाउस की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, ‘दोनों नेताओं ने यूक्रेन की सीमाओं पर रूस की सैन्य तैनाती के जवाब में चल रहे राजनयिक और निवारक प्रयासों पर चर्चा की तथा यूक्रेन की संप्रभुता व क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपने समर्थन की पुष्टि की.'
उच्च स्तरीय कूटनीति को जारी रखते हुए जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज 14-15 फरवरी को कीव और मॉस्को की यात्रा करेंगे. 2015 में फ्रांस और जर्मनी ने यूक्रेनी बलों व रूस समर्थित अलगाववादियों के बीच संघर्ष खत्म करने के मकसद से पूर्वी यूक्रेन में एक शांति समझौता कराने में मदद की थी. यह संघर्ष 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया प्रायद्वीप पर रूस के कब्जे के बाद शुरू हुआ था.