बीजिंग : चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की राजधानी ल्हासा के पश्चिमोत्तर क्षेत्र में एक विशिष्ट आर्द्रभूमि है, जिसे लालू आर्द्रभूमि कहा जाता है. यह दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई वाली और सबसे बड़ी प्राकृतिक आर्द्रभूमि है. न केवल तिब्बत बल्कि समूचे चीन में एकमात्र शहरी अंतर्देशीय प्राकृतिक आर्द्रभूमि है, और यह तिब्बती पठार पर एक विशिष्ट आर्द्रभूमि है. यह आर्द्रभूमि पोटाला पैलेस के ठीक उत्तर में है.
इसका कुल क्षेत्रफल 12.2 वर्ग किलोमीटर है, जिसकी समुद्र तल से औसत ऊंचाई 3645 मीटर है. यह आर्द्रभूमि कई दुर्लभ और अनोखी प्रजातियों के लिए आवास प्रदान करती है, और जैव विविधता संरक्षण, जलवायु विनियमन, ऑक्सीजन पूरकता, जल संरक्षण, जल भंडारण और बाढ़ नियंत्रण में भी एक बहुत ही विशेष और अपरिवर्तनीय भूमिका निभाती है.
देखा जाए तो पठार पर आर्द्र जलवायु और प्रचुर मात्रा में पानी के पौधे होना बहुत दुर्लभ है. यहां की आर्द्र जलवायु और प्रचुर मात्रा में पानी के पौधे न केवल बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों, अन्य दुर्लभ और लुप्तप्राय पक्षियों, अनोखी प्रजातियों के कीट, और भिन्न-भिन्न प्रकार की मछलियों के लिए एक आवास प्रदान करते हैं, बल्कि ल्हासा शहर में हवा की नमी को बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण और अपूरणीय भूमिका निभाते हैं. वाकई, यह आर्द्रभूमि ल्हासा शहर के लिए 'फेफड़े' की भांति काम करता है.