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इतिहास रचने को तैयार भारतवंशी कमला हैरिस - भारत से रहा गहरा नाता

अमेरिका में उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहीं कमला हैरिस इतिहास रचने को तैयार हैं, वह इस पद पर पहुंचने वाली न सिर्फ पहली महिला हैं, बल्कि पहली अश्वेत और एशियन अमेरिकन भी हैं.

भारतवंशी कमला हैरिस
भारतवंशी कमला हैरिस

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Published : Jan 20, 2021, 3:40 PM IST

Updated : Jan 20, 2021, 7:51 PM IST

वॉशिंगटन : दक्षिण एशियाई मूल की महिला कमला हैरिस इतिहास रचने जा रही हैं. कैलिफोर्निया की 56 वर्षीय सीनेटर कमला हैरिस अमेरिकी उपराष्ट्रपति चुनी गई हैं. उनके शपथ लेने के साथ कई कीर्तिमान बनेंगे.

इस पद पर पहुंचने वाली वे न सिर्फ पहली महिला हैं, बल्कि पहली अश्वेत और एशियन अमेरिकन भी हैं. हैरिस के पिता जमैका के रहने वाले हैं, जबकि मां भारतीय हैं. कमला हैरिस पूर्व अभियोजक भी हैं, जिन्होंने ट्रंप की नियुक्ति पर अदालत में सवाल उठाए थे. उनके शांत स्वभाव ने उन्हें डेमोक्रेटिक स्टार बना दिया. अमेरिकी इतिहास में पहली बार होगा जब कोई भारतीय मूल का उपराष्ट्रपति पद ग्रहण करेगा.

एक नजर हैरिस के सफर पर.

भावुक संदेश देकर जीता था जनता का दिल

डेमोक्रेट्स के साथ जनता को भी उनसे काफी उम्मीदें हैं. कमला हैरिस का अमेरिकी जनता से गहरा नाता है. चुनाव लड़ने के दौरान मां से जुड़ा भावुक संदेश देकर उन्होंने सभी का दिल जीत लिया था.

कैलिफोर्निया में जन्मीं थी कमला

ट्वीट में हैरिस ने कहा था कि 'आप लोग मेरी मां श्यामला के लिए मतदान कर रहे हैं, जिन्होंने मेरी बहन और मुझे सिखाया है कि यदि आपको कोई समस्या दिखाई देती है, तो आप इसके बारे में शिकायत न करके उसके समाधान के लिए कुछ करें.'

बहन ने भी साझा की थी मां की तस्वीर

हैरिस की बहन माया हैरिस ने अपनी मां की फोटो साझा करते हुए लिखा था, 'आप तब तक यह नहीं जान सकते कि कमला हैरिस कौन हैं, जब तक आप यह न जान लें कि हमारी मां कौन थीं. उनकी बहुत याद आ रही है, लेकिन जानती हूं कि आज वह और हमारे पूर्वज मुस्कुरा रहे हैं.'

राजनीतिक सफर

भारत से रहा गहरा नाता

कैलिफोर्निया के ओकलैंड में 20 अक्टूबर 1964 को जन्मी कमला देवी हैरिस की मां श्यामला गोपालन 1960 में भारत के तमिलनाडु से यूसी बर्कले पहुंची थीं, जबकि उनके पिता डोनाल्ड जे हैरिस 1961 में ब्रिटिश जमैका से इकोनॉमिक्स में स्नातक की पढ़ाई करने यूसी बर्कले आए थे. यहीं अध्ययन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई और मानव अधिकार आंदोलनों में भाग लेने के दौरान उन्होंने विवाह करने का फैसला कर लिया. दो बेटियां हुईं, कमला और माया.

हाई स्कूल के बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई करने वाली कमला अभी सात ही बरस की थीं, जब उनके माता-पिता एक दूसरे से अलग हो गए. कमला और उनकी छोटी बहन माया अपनी मां के साथ रहीं और दोनों के जीवन पर मां का बहुत प्रभाव रहा.

हालांकि, वह दौर अश्वेत लोगों के लिए सहज नहीं था. कमला और माया की परवरिश के दौरान उनकी मां ने दोनों को अपनी पृष्ठभूमि से जोड़े रखा और उन्हें अपनी साझा विरासत पर गर्व करना सिखाया. वह भारतीय संस्कृति से गहरे से जुड़ी रहीं.

नाना की बातों से सीखी जिम्मेदारी, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा

कमला हैरिस ने साल 2009 में एक इंटरव्यू में कहा था, 'मेरे नाना भारत में प्रमुख स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे, बचपन से मेरी कुछ बेहतरीन यादें उनके साथ समुद्र तट पर घूमते हुए जुड़ी हैं, जब वह सेवानिवृत्त होने के बाद बेसेंट नगर (चेन्नई) में रहते थे.

वह हर सुबह दोस्तों के साथ समुद्र तट पर टहलते थे, जो सभी सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी थे. वह राजनीति के बारे में बात करते थे कि भ्रष्टाचार से कैसे लड़ा जाना चाहिए और न्याय के बारे में. वे हंसते थे और तर्क-वितर्क करते थे, उनकी बातचीत का मुझपर गहरा प्रभाव पड़ा. मेरे अंदर जिम्मेदारी, ईमानदारी और सत्यनिष्ठा का भाव पैदा हुआ.'

अमेरिका की राजनीति में कमला हैरिस का सफर
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल के रूप में मशहूर होने के बाद, हैरिस ने नवंबर 2016 में अमेरिकी सीनेट का चुनाव लड़ा और लॉरेटा सैंशेज को हराकर कैलिफोर्निया की तीसरी महिला सीनेटर बनीं.

वह अमेरिकी सीनेट में पहुंचने वाली पहली दक्षिण एशियाई-अमेरिकी हैं और दूसरी अफ्रीकी-अमेरिकी महिला हैं. अब उपराष्ट्रपति बनने वाली न सिर्फ पहली महिला हैं, बल्कि पहली अश्वेत और एशियन अमेरिकन भी हैं जो इस पद तक पहुंची हैं.

Last Updated : Jan 20, 2021, 7:51 PM IST

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