टोक्यो : द्वितीय विश्वयुद्ध में जापान के आत्मसमर्पण करने की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर शनिवार को सम्राट नारूहितो ने युद्ध के दौरान अपने देश के आचरण पर गहरा पश्चाताप व्यक्त किया.
कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश में सीमित स्तर पर वार्षिक समारोह आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में नारूहितो ने युद्ध की घटनाओं को याद किया और उम्मीद जताई कि इस त्रासदी को कभी नहीं दोहराया जाएगा. प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने खेद जताने जैसी कोई बात नहीं की, हालांकि उन्होंने युद्ध में बलिदान देने वाले जापानियों के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने जापान के पड़ोसियों की पीड़ा के बारे में कुछ नहीं कहा.
नारूहितो ने जापान के आत्मसमर्पण के 75 वर्ष पूरे होने पर टोक्यो में एक संक्षिप्त भाषण में कहा, 'हमारे अतीत पर विचार करने और गहरे पश्चाताप की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं उम्मीद करता हूं कि युद्ध के कहर को दोहराया नहीं जाएगा.'
नारूहितो ने अपने पिता के नक्शेकदम पर चलने का वादा किया है, जिन्होंने अपने 30 साल के कार्यकाल को नारूहितो के दादा हिरोहितो के नाम पर लड़े गए युद्ध के बाद स्थिति सुधारने के लिए समर्पित किया था.