काबुल : पूर्वी अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत की राजधानी जलालाबाद में घंटों तक चली मुठभेड़ के बाद सेना ने एक जेल को अपने नियंत्रण में ले लिया है. लेकिन आतंकवादियों की गोलीबारी जारी है. आतंकियों के हमले और मुठभेड़ में अब तक 29 लोग मारे जा चुके हैं. जबकि 50 अन्य घायल हो गए हैं.
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता फवाद अमान ने बताया कि यहां से करीब 115 किलोमीटर दूर जलालाबाद में सुरक्षाबलों ने सोमवार को इस जेल को कब्जे में ले लिया. मध्य जलालाबाद में इस जेल के आस-पास की इमारत से रुक रुक कर गोलीबारी जारी है. इसी स्थान पर गवर्नर का कार्यालय भी है.
इस हमले से अफगानिस्तान के समक्ष आने वाले चुनौतियों का संकेत मिलता है. अमेरिका द्वारा तालिबान के साथ शांति संधि करने के बाद अमेरिका और नाटो के सैनिक वापस जाने लगे हैं.
सुरक्षाबलों को जेल के अंदर तालिबान के दो कैदियों के शव मिले हैं. शायद इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला था. यह पूर्वी अफगानिस्तान में दोनों आतंकवादी संगठनों के बीच तनाव का संकेत है.
रविवार को तब हमला शुरू हुआ था जब इस्लामिक स्टेट के एक आत्मघाती बम हमलावर विस्फोटक से लदा एक वाहन लेकर जेल के गेट पर पहुंचा और धमाका कर दिया. इसी बीच इस्लामिक स्टेट के दूसरे आतंकवादी गोलियां चलाते हुए अंदर घुस गए.
हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट समूह से संबद्ध एक संगठन ने ली है, जिसे खुरासान प्रांत में आईएस के नाम से जाना जाता है. इस आतंकवादी संगठन का मुख्यालय नंगरहार प्रांत में है.
जेल पर हमले का कोई कारण अभी साफ नहीं है. हालांकि वहां बंद 1,500 कैदियों में से कुछ इस मौके का फायदा उठाकर भाग गए. नंगरहार प्रांत के गर्वनर के प्रवक्ता अताउल्ला खोग्यानी ने बताया कि पहले करीब 1000 कैदी भाग गए थे लेकिन सुरक्षाबल उन्हें शहर में ढूंढ कर वापस ले आये थे. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि अभी कोई कैदी फरार है. माना जाता है कि जलालाबाद में सैकड़ों कैदी आईए के सदस्य हैं.
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यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब एक दिन पहले ही अधिकारियों ने बताया था कि अफगान विशेष बलों ने जलालाबाद के निकट आईएस के एक शीर्ष आतंकी कमांडर को मार गिराया है.
आईएस के आतंकवादियों का तालिबान के साथ संघर्ष चल रहा है. तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने समाचार एजेंसी एपी को बताया कि जलालाबाद जेल हमले में उनका समूह शामिल नहीं है. अमेरिका ने तालिबान के साथ फरवरी में शांति समझौता किया था.
उन्होंने कहा, 'हमारा संघर्ष विराम चल रहा है और देश में कहीं भी इस तरह के हमले में हम शामिल नहीं हैं.' तालिबान ने ईद के मद्देनजर शुक्रवार से तीन दिन के संघर्ष विराम का ऐलान किया था.